Sunday 25 February 2024

कविता. ५०९३. उम्मीदों को कदमों की।

                              उम्मीदों को कदमों की।

उम्मीदों को कदमों की आस तलाश दिलाती है दास्तानों संग आवाजों की धून एहसास सुनाती है इशारों को लम्हों की कहानी पुकार सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की आहट रोशनी दिलाती है नजारों संग आशाओं की मुस्कान अरमान सुनाती है जज्बातों को अंदाजों की सोच पुकार सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की सरगम सोच दिलाती है तरानों संग अल्फाजों की सुबह पहचान सुनाती है खयालों को इशारों की कहानी पुकार सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की लहर आवाज दिलाती है सपनों संग अंदाजों की आस सौगात सुनाती है एहसासों को अदाओं की परख पुकार सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की सुबह सहारा दिलाती है किनारों संग अरमानों की आस अंदाज सुनाती है कदमों को उजालों की राह पुकार सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की कोशिश आस दिलाती है अफसानों संग एहसासों की कहानी तराना सुनाती है दास्तानों को अदाओं की कोशिश पुकार सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की रोशनी अरमान दिलाती है इरादों संग आवाजों की धून अहमियत सुनाती है लहरों को कदमों की अफसाना पुकार सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की राह किनारा दिलाती है खयालों संग आशाओं की मुस्कान बदलाव सुनाती है अंदाजों को राहों की सरगम पुकार सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की उमंग बदलाव दिलाती है जज्बातों संग अंदाजों की आहट सहारा सुनाती है अरमानों को दिशाओं की लम्हा पुकार सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की समझ तराना दिलाती है नजारों संग दास्तानों की सोच उमंग सुनाती है किनारों को सपनों की धारा पुकार सुनाती है।


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