Monday 5 February 2024

कविता. ५०७३. अरमानों को उजालों संग।

                            अरमानों को उजालों संग।

अरमानों को उजालों संग खयाल सुनाती है नजारों से अक्सर आवाज तलाश दिलाती है इशारों को लम्हों से जज्बातों की तलाश सरगम सुनाती है।

अरमानों को उजालों संग कोशिश सुनाती है इरादों से अक्सर पुकार तराना दिलाती है एहसासों को अदाओं से आशाओं की मुस्कान सरगम सुनाती है।

अरमानों को उजालों संग आस सुनाती है किनारों से अक्सर पहचान सपना दिलाती है उम्मीदों को अफसानों से राहों की उमंग सरगम सुनाती है।

अरमानों को उजालों संग आवाज सुनाती है खयालों से अक्सर आस दास्तान दिलाती है किनारों को अंदाजों से बदलावों की राह सरगम सुनाती है।

अरमानों को उजालों संग तराना सुनाती है कदमों से अक्सर उम्मीद अल्फाज दिलाती है नजारों को दिशाओं से अदाओं की सौगात सरगम सुनाती है।

अरमानों को उजालों संग अदा सुनाती है जज्बातों से अक्सर लहर कोशिश दिलाती है इरादों को लम्हों से कदमों की पुकार सरगम सुनाती है।

अरमानों को उजालों संग दास्तान सुनाती है आशाओं से अक्सर रोशनी लम्हा दिलाती है बदलावों को अंदाजों की कहानी सरगम सुनाती है।

अरमानों को उजालों संग तलाश सुनाती है एहसासों से अक्सर उम्मीद खयाल दिलाती है अफसानों को दास्तानों की सोच सरगम सुनाती है।

अरमानों को उजालों संग समझ सुनाती है आवाजों से अक्सर तलाश सहारा दिलाती है कदमों को दिशाओं की कोशिश सरगम सुनाती है।

अरमानों को उजालों संग सपना सुनाती है दिशाओं से अक्सर पहचान नजारा दिलाती है अल्फाजों को इरादों की अहमियत सरगम सुनाती है।

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