Saturday 24 February 2024

कविता. ५०९२. अदाओं की पहचान अक्सर।

                        अदाओं की पहचान अक्सर।

अदाओं की पहचान अक्सर तलाश दिलाती है किनारों को अल्फाजों की पुकार सरगम सुनाती है लम्हों को अरमानों संग दास्तान देकर जाती है।

अदाओं की पहचान अक्सर उमंग दिलाती है लहरों को इशारों की कहानी अहमियत सुनाती है एहसासों को उम्मीदों संग दास्तान देकर जाती है।

अदाओं की पहचान अक्सर खयाल दिलाती है नजारों को राहों की सौगात बदलाव सुनाती है जज्बातों को कदमों संग दास्तान देकर जाती है।

अदाओं की पहचान अक्सर कोशिश दिलाती है सपनों को दिशाओं की आस परख सुनाती है लहरों को इशारों संग दास्तान देकर जाती है।

अदाओं की पहचान अक्सर उजाला दिलाती है आशाओं को बदलावों की समझ आवाज सुनाती है किनारों को राहों संग दास्तान देकर जाती है।

अदाओं की पहचान अक्सर आवाज दिलाती है लम्हों को खयालों की सोच इशारा सुनाती है अल्फाजों को उजालों संग दास्तान देकर जाती है।

अदाओं की पहचान अक्सर सुबह दिलाती है कदमों को इरादों की कहानी खयाल सुनाती है आशाओं को अरमानों संग दास्तान देकर जाती है।

अदाओं की पहचान अक्सर आस दिलाती है एहसासों को सपनों की उमंग तराना सुनाती है अफसानों को दिशाओं संग दास्तान देकर जाती है।

अदाओं की पहचान अक्सर रोशनी दिलाती है राहों को बदलावों की मुस्कान आहट सुनाती है नजारों को खयालों संग दास्तान देकर जाती है।

अदाओं की पहचान अक्सर समझ दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की पुकार सपना सुनाती है दास्तानों को आवाजों संग दास्तान देकर जाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...