Friday 16 February 2024

कविता. ५०८४. अफसानों से लहरों की।

                             अफसानों से लहरों की।

अफसानों से लहरों की मुस्कान सहारा देती है कदमों को अदाओं की सुबह धारा देती है नजारों को दिशाओं की परख इशारा देती है।

अफसानों से लहरों की कोशिश रोशनी देती है तरानों को उजालों की उमंग किनारा देती है एहसासों को उम्मीदों की तलाश इशारा देती है।

अफसानों से लहरों की समझ आवाज देती है किनारों को अंदाजों की आस जज्बात देती है खयालों को अंदाजों की राह इशारा देती है।

अफसानों से लहरों की आस सोच देती है अल्फाजों को उजालों की उम्मीद मुस्कान देती है जज्बातों को सपनों की आवाज इशारा देती है।

अफसानों से लहरों की सौगात तलाश देती है जज्बातों को कदमों की आहट उजाला देती है अरमानों को खयालों की रोशनी इशारा देती है।

अफसानों से लहरों की आहट कोशिश देती है राहों को दास्तानों की परख बदलाव देती है आशाओं को कदमों की पहचान इशारा देती है।

अफसानों से लहरों की राह अरमान देती है दिशाओं को खयालों की समझ सरगम देती है सपनों को एहसासों की सुबह इशारा देती है।

अफसानों से लहरों की कहानी पुकार देती है इरादों को आशाओं की सोच आवाज देती है अल्फाजों को उजालों की कोशिश इशारा देती है।

अफसानों से लहरों की परख दास्तान देती है उम्मीदों को इरादों की कहानी सरगम देती है अरमानों को बदलावों की सोच इशारा देती है।

अफसानों से लहरों की सुबह पहचान देती है लम्हों को सपनों की सुबह मुस्कान देती है किनारों को अंदाजों की अहमियत इशारा देती है।

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