Thursday 11 January 2024

कविता. ५०४८. खयालों को अंदाजों संग!

                            खयालों को अंदाजों संग।

खयालों को अंदाजों संग जज्बात दिलाती है कदमों की परख अक्सर अफसाना सुनाती है नजारों को दिशाओं की सुबह तलाश देकर जाती है।

खयालों को अंदाजों संग कोशिश दिलाती है लहरों की सोच अक्सर बदलाव सुनाती है राहों को सपनों की आहट आवाज देकर जाती है।

खयालों को अंदाजों संग अरमान दिलाती है लम्हों की रोशनी अक्सर इरादा सुनाती है आशाओं को उजालों की पहचान देकर जाती है।

खयालों को अंदाजों संग अल्फाज दिलाती है नजारों की उमंग अक्सर सपना सुनाती है अरमानों को उम्मीदों की कहानी देकर जाती है।

खयालों को अंदाजों संग उम्मीद दिलाती है एहसासों की सोच अक्सर कोशिश सुनाती है जज्बातों को आशाओं की मुस्कान देकर जाती है।

खयालों को अंदाजों संग समझ दिलाती है उजालों की उम्मीद अक्सर उमंग सुनाती है आवाजों को इशारों की सरगम देकर जाती है।

खयालों को अंदाजों संग पुकार दिलाती है दास्तानों की कोशिश अक्सर उम्मीद सुनाती है अदाओं को तरानों की सौगात देकर जाती है।

खयालों को अंदाजों संग पहचान दिलाती है किनारों की रोशनी अक्सर सोच सुनाती है इरादों को राहों की अहमियत देकर जाती है।

खयालों को अंदाजों संग सुबह दिलाती है इशारों की आहट अक्सर अरमान सुनाती है लम्हों को अल्फाजों की समझ देकर जाती है।

खयालों को अंदाजों संग परख दिलाती है सपनों की पुकार अक्सर बदलाव सुनाती है अरमानों को जज्बातों की कहानी देकर जाती है।


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