Tuesday 9 January 2024

कविता. ५०४६. अरमानों को सपनों से।

                            अरमानों को सपनों से।

अरमानों को सपनों से अदाओं पर उमंग की कहानी सुनाई पड़ती है कदमों को उजालों संग एहसास दिलाती है दिशाओं से इशारा देती है।

अरमानों को सपनों से लहरों पर उम्मीद की कोशिश सुनाई पड़ती है नजारों को दिशाओं संग किनारा दिलाती है लम्हों से इशारा देती है।

अरमानों को सपनों से जज्बातों पर सोच की सरगम सुनाई पड़ती है आवाजों को राहों संग अल्फाज दिलाती है उजालों से इशारा देती है।

अरमानों को सपनों से अंदाजों पर सुबह की आस सुनाई पड़ती है तरानों को उम्मीदों संग पहचान दिलाती है जज्बातों से इशारा देती है।

अरमानों को सपनों से दास्तानों पर आहट की तलाश सुनाई पड़ती है आशाओं को बदलावों संग परख दिलाती है लहरों से इशारा देती है।

अरमानों को सपनों से राहों पर अल्फाज की कोशिश सुनाई पड़ती है उजालों को लहरों संग मुस्कान दिलाती है खयालों से इशारा देती है।

अरमानों को सपनों से कदमों पर सौगात की समझ सुनाई पड़ती है अंदाजों को उम्मीदों संग आस दिलाती है अफसानों से इशारा देती है।

अरमानों को सपनों से दिशाओं पर तरानों की परख सुनाई पड़ती है आवाजों को राहों संग उजाला दिलाती है इरादों से इशारा देती है।

अरमानों को सपनों से लम्हों पर खयालों की मुस्कान सुनाई पड़ती है अल्फाजों को कदमों संग अंदाज दिलाती है बदलावों से इशारा देती है।

अरमानों को सपनों से किनारों पर इरादों की उमंग सुनाई पड़ती है अफसानों को आशाओं संग पहचान दिलाती है एहसासों से इशारा देती है।

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