Thursday, 18 January 2024

कविता. ५०५५. नजारों को दिशाओं की।

                             नजारों को दिशाओं की।

नजारों को दिशाओं की कहानी पहचान दिलाती है लहरों को आशाओं संग तलाश उम्मीद देकर जाती है जज्बातों को कदमों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की कोशिश दास्तान दिलाती है इरादों को अदाओं संग पुकार किनारा देकर जाती है उजालों को सपनों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की समझ अल्फाज दिलाती है अरमानों को बदलावों संग मुस्कान एहसास देकर जाती है अंदाजों को राहों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की सरगम उमंग दिलाती है आवाजों को कदमों संग आस पहचान देकर जाती है उम्मीदों को किनारों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की आस लहर दिलाती है आशाओं को अदाओं संग सरगम तराना देकर जाती है खयालों को लम्हों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की सोच अफसाना दिलाती है खयालों को अल्फाजों संग पुकार परख देकर जाती है एहसासों को अरमानों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की रोशनी उम्मीद दिलाती है राहों को अरमानों संग लहर आवाज देकर जाती है उजालों को सपनों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की उमंग उजाला दिलाती है लम्हों को खयालों संग कोशिश सोच देकर जाती है दास्तानों को इरादों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की समझ एहसास दिलाती है तरानों को जज्बातों संग मुस्कान बदलाव देकर जाती है आवाजों को अदाओं की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की उम्मीद सौगात दिलाती है बदलावों को इशारों संग आहट अहमियत देकर जाती है कदमों को दिशाओं की सुबह दिलाती है।

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