Monday 8 January 2024

कविता. ५०४५. कदमों को अदाओं की पुकार।

                        कदमों को अदाओं की पुकार।

कदमों को अदाओं की पुकार अल्फाज दिलाती है तरानों को उम्मीदों की आहट अक्सर एहसास देकर जाती है उजालों संग सपनों की सुबह लाती है।

कदमों को अदाओं की पुकार कोशिश दिलाती है लहरों को इशारों की समझ अक्सर जज्बात देकर जाती है इरादों संग आशाओं की सुबह लाती है।

कदमों को अदाओं की पुकार खयाल दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी अक्सर दास्तान देकर जाती है अंदाजों संग राहों की सुबह लाती है।

कदमों को अदाओं की पुकार इशारा दिलाती है किनारों को सपनों की आस अक्सर बदलाव देकर जाती है आवाजों संग धून की सुबह लाती है।

कदमों को अदाओं की पुकार अंदाज दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान अक्सर अरमान देकर जाती है लहरों संग इशारों की सुबह लाती है।

कदमों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है राहों को अंदाजों की परख अक्सर सपना देकर जाती है किनारों संग तरानों की सुबह लाती है।

कदमों को अदाओं की पुकार अहमियत दिलाती है दिशाओं को बदलावों की सोच अक्सर आवाज देकर जाती है नजारों संग एहसासों की सुबह लाती है।

कदमों को अदाओं की पुकार रोशनी दिलाती है लहरों को उजालों की सौगात अक्सर आहट देकर जाती है जज्बातों संग खयालों की सुबह लाती है।

कदमों को अदाओं की पुकार उमंग दिलाती है इशारों को आशाओं की मुस्कान अक्सर तलाश देकर जाती है उम्मीदों संग अरमानों की सुबह लाती है।

कदमों को अदाओं की पुकार तलाश दिलाती है खयालों को इशारों की समझ अक्सर लहर देकर जाती है दास्तानों संग दिशाओं की सुबह लाती है।

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