Monday, 22 January 2024

कविता. ५०५९. राहों की मुस्कान।

                                  राहों की मुस्कान।

राहों की मुस्कान पुकार दिलाती है लम्हों को खयालों की समझ सरगम दिलाती है उजालों को सपनों संग एहसास की कहानी सुनाती है।

राहों की मुस्कान पहचान दिलाती है जज्बातों को कदमों की सोच अफसाना दिलाती है किनारों को अंदाजों संग अदा की कहानी सुनाती है।

राहों की मुस्कान परख दिलाती है उजालों को सपनों की सुबह तलाश दिलाती है आवाजों को राहों संग खयाल की कहानी सुनाती है।

राहों की मुस्कान दास्तान दिलाती है लहरों को इशारों की आस कोशिश दिलाती है अल्फाजों को किनारों संग उम्मीद की कहानी सुनाती है।

राहों की मुस्कान अरमान दिलाती है आशाओं को अंदाजों की सौगात तलाश दिलाती है लम्हों को अरमानों संग कोशिश की कहानी सुनाती है।

राहों की मुस्कान एहसास दिलाती है दास्तानों को कदमों की सोच तराना दिलाती है लहरों को नजारों संग आहट की कहानी सुनाती है।

राहों की मुस्कान किनारा दिलाती है दिशाओं को बदलावों की समझ रोशनी दिलाती है सपनों को अरमानों संग पुकार की कहानी सुनाती है।

राहों की मुस्कान कोशिश दिलाती है बदलावों को उजालों की सुबह तलाश दिलाती है अंदाजों को इरादों संग पहचान की कहानी सुनाती है।

राहों की मुस्कान समझ दिलाती है लम्हों को किनारों की आहट उमंग दिलाती है कदमों को एहसासों संग सोच की कहानी सुनाती है।

राहों की मुस्कान सरगम दिलाती है उम्मीदों को अंदाजों की आस दास्तान दिलाती है जज्बातों को सपनों संग खयाल की कहानी सुनाती है।

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