Friday, 12 January 2024

कविता. ५०४९. किनारों को अल्फाजों संग।

                            किनारों को अल्फाजों संग।

किनारों को अल्फाजों संग एहसास की कहानी पुकार सुनाती है नजारों से जज्बातों की सरगम तलाश दिलाती है अफसानों को उमंग दे जाती है।

किनारों को अल्फाजों संग आस की कोशिश सरगम सुनाती है सपनों से लहरों की कहानी तराना दिलाती है उजालों को बदलाव दे जाती है।

किनारों को अल्फाजों संग राह की अहमियत आवाज सुनाती है इरादों से आशाओं की रोशनी मुस्कान दिलाती है अंदाजों को कोशिश दे जाती है।

किनारों को अल्फाजों संग आहट की पहचान नजारा सुनाती है उम्मीदों से धाराओं की समझ आवाज दिलाती है लहरों को खयाल दे जाती है।

किनारों को अल्फाजों संग पुकार की उम्मीद तलाश सुनाती है दिशाओं से आवाजों की पहचान सहारा दिलाती है नजारों को रोशनी दे जाती है।

किनारों को अल्फाजों संग सोच की परख अफसाना सुनाती है तरानों से दिशाओं की सौगात लहर दिलाती है इशारों को उजाला दे जाती है।

किनारों को अल्फाजों संग मुस्कान की उमंग दास्तान सुनाती है लहरों से अंदाजों की परख अरमान दिलाती है जज्बातों को सपना दे जाती है।

किनारों को अल्फाजों संग अदा की आस पहचान सुनाती है नजारों से आवाजों की धून सोच दिलाती है अरमानों को इरादा दे जाती है।

किनारों को अल्फाजों संग राह की समझ खयाल सुनाती है दिशाओं से कदमों की कोशिश रोशनी दिलाती है अंदाजों को सुबह दे जाती है।

किनारों को अल्फाजों संग सरगम की आहट तराना सुनाती है खयालों से आवाजों की धून कहानी दिलाती है कदमों को मुस्कान दे जाती है।

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