Friday, 19 January 2024

कविता. ५०५६. किनारों को एहसासों की।

                                किनारों को एहसासों की।

किनारों को एहसासों की सरगम पहचान दिलाती है लम्हों को जज्बातों की आहट समझ देकर जाती है इशारों को आशाओं की मुस्कान दिलाती है।

किनारों को एहसासों की रोशनी अरमान दिलाती है तरानों को उम्मीदों की कोशिश तलाश देकर जाती है जज्बातों को उजालों की मुस्कान दिलाती है।

किनारों को एहसासों की आस आवाज दिलाती है सपनों को अंदाजों की परख अंदाज देकर जाती है अल्फाजों को राहों की मुस्कान दिलाती है।

किनारों को एहसासों की कहानी जज्बात दिलाती है इरादों को आशाओं की पुकार पहचान देकर जाती है कदमों को लहरों की मुस्कान दिलाती है।

किनारों को एहसासों की सौगात सरगम दिलाती है दिशाओं को बदलावों की कहानी कोशिश देकर जाती है लम्हों को दास्तानों की मुस्कान दिलाती है।

किनारों को एहसासों की आहट तलाश दिलाती है लहरों को इशारों की समझ अफसाना देकर जाती है नजारों को अंदाजों की मुस्कान दिलाती है।

किनारों को एहसासों की अदा उम्मीद दिलाती है अरमानों को खयालों की कहानी सरगम देकर जाती है कदमों को उजालों की मुस्कान दिलाती है।

किनारों को एहसासों की परख सोच दिलाती है आवाजों को बदलावों की आस आहट देकर जाती है लहरों को नजारों की मुस्कान दिलाती है।

किनारों को एहसासों की समझ कोशिश दिलाती है अदाओं को दिशाओं की सरगम आवाज देकर जाती है खयालों को उम्मीदों की मुस्कान दिलाती है।

किनारों को एहसासों की उमंग राह दिलाती है दास्तानों को इशारों की कहानी पहचान देकर जाती है बदलावों को लम्हों की मुस्कान दिलाती है।


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