Sunday, 7 January 2024

कविता. ५०४४. जज्बात संग सपनों की उड़ान।

                      जज्बात संग सपनों की उड़ान।

जज्बात संग सपनों की उड़ान इशारे देती है किनारों को अल्फाजों की सुबह सहारे देती है एहसासों को अदाओं की पुकार सुनाती है।

जज्बात संग सपनों की उड़ान दास्ताने देती है नजारों को दिशाओं की कहानी सरगम देती है राहों को अंदाजों की पुकार सुनाती है।

जज्बात संग सपनों की उड़ान अफसाने देती है कदमों को लम्हों की परख सौगात देती है आशाओं को बदलावों की पुकार सुनाती है।

जज्बात संग सपनों की उड़ान तराने देती है अल्फाजों को अंदाजों की आस पहचान देती है दास्तानों को राहों की पुकार सुनाती है।

जज्बात संग सपनों की उड़ान लहरे देती है एहसासों को उम्मीदों की सोच कोशिश देती है अरमानों को उजालों की पुकार सुनाती है।

जज्बात संग सपनों की उड़ान लम्हे देती है अफसानों को आशाओं की मुस्कान आवाज देती है तरानों को दिशाओं की पुकार सुनाती है।

जज्बात संग सपनों की उड़ान नजारे देती है उजालों को इशारों की समझ अहमियत देती है आवाजों को अरमानों की पुकार सुनाती है।

जज्बात संग सपनों की उड़ान राहे देती है नजारों को दिशाओं की सौगात तलाश देती है खयालों को उम्मीदों की पुकार सुनाती है।

जज्बात संग सपनों की उड़ान उम्मीदे देती है खयालों को कदमों की कोशिश पहचान देती है इरादों को किनारों की पुकार सुनाती है।

जज्बात संग सपनों की उड़ान आवाजें देती है अदाओं को दिशाओं की कहानी खयाल देती है नजारों को लम्हों की पुकार सुनाती है।

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