Sunday, 28 January 2024

कविता. ५०६५. अरमानों को दिशाओं संग।

                            अरमानों को दिशाओं संग।

अरमानों को दिशाओं संग पहचान पुकार दिलाती है लहरों को इशारों की कहानी एहसास सुनाती है अल्फाजों को उजालों की समझ देकर जाती है।

अरमानों को दिशाओं संग कोशिश तलाश दिलाती है लम्हों को किनारों की आहट बदलाव सुनाती है तरानों को जज्बातों की आस देकर जाती है।

अरमानों को दिशाओं संग आवाज दास्तान दिलाती है सपनों को एहसासों की सोच अफसाना सुनाती है राहों को अंदाजों की सरगम देकर जाती है।

अरमानों को दिशाओं संग आस सौगात दिलाती है नजारों को खयालों की मुस्कान अल्फाज सुनाती है कदमों को तरानों की पुकार देकर जाती है।

अरमानों को दिशाओं संग अदा कोशिश दिलाती है अदाओं को नजारों की समझ पहचान सुनाती है आशाओं को अंदाजों की कोशिश देकर जाती है।

अरमानों को दिशाओं संग राह बदलाव दिलाती है उम्मीदों को दास्तानों की परख खयाल सुनाती है इशारों को अफसानों की समझ देकर जाती है।

अरमानों को दिशाओं संग रोशनी लम्हा दिलाती है किनारों को इरादों की कहानी एहसास सुनाती है कदमों को उजालों की सुबह देकर जाती है।

अरमानों को दिशाओं संग तलाश सहारा दिलाती है आशाओं को बदलावों की मुस्कान उमंग सुनाती है अदाओं को खयालों की राह देकर जाती है।

अरमानों को दिशाओं संग सोच किनारा दिलाती है उम्मीदों को कदमों की पहचान सरगम सुनाती है एहसासों को नजारों की कहानी देकर जाती है।

अरमानों को दिशाओं संग आवाज धून दिलाती है लहरों को आवाजों की समझ तराना सुनाती है अंदाजों को बदलावों की दास्तान देकर जाती है।

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