Wednesday, 10 April 2024

कविता. ५१३८. आशाओं को जज्बातों की।

                               आशाओं को जज्बातों की।

आशाओं को जज्बातों की परख पहचान सुनाती है तरानों को अरमानों की कोशिश सहारा दिलाती है अल्फाजों को उजालों की सुबह देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों की पुकार सरगम सुनाती है सपनों को एहसासों की कहानी उमंग दिलाती है आवाजों को अदाओं की सुबह देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों की आस दास्तान सुनाती है इरादों को उम्मीदों की रोशनी सौगात दिलाती है कदमों को किनारों की सुबह देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों की सरगम उमंग सुनाती है नजारों को खयालों की समझ सपना दिलाती है अरमानों को राहों की सुबह देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों की मुस्कान पुकार सुनाती है अदाओं को दिशाओं की तलाश सोच दिलाती है एहसासों को उम्मीदों की सुबह देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों की सोच अफसाना सुनाती है अंदाजों को बदलावों की उम्मीद तराना दिलाती है नजारों को अल्फाजों की सुबह देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों की उम्मीद अरमान सुनाती है दिशाओं को कदमों की आहट सरगम दिलाती है आवाजों को सपनों की सुबह देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों की राह कोशिश सुनाती है एहसासों को अदाओं की पुकार खयाल दिलाती है उजालों को लम्हों की सुबह देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों की रोशनी पहचान सुनाती है आवाजों को राहों की सौगात अल्फाज दिलाती है अफसानों को लहरों की सुबह देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों की कहानी सपना सुनाती है इशारों को अफसानों की परख आवाज दिलाती है अल्फाजों को दास्तानों की सुबह देकर जाती है।

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