Friday 5 April 2024

कविता. ५१३३. कदमों को अदाओं की।

                               कदमों को अदाओं की।

कदमों को अदाओं की परख अक्सर अफसाना सुनाती है दिशाओं से आवाजों की धून कोशिश सुनाती है लम्हों को दास्तानों की पुकार सुनाती है।

कदमों को अदाओं की पहचान अक्सर तलाश सुनाती है राहों से धाराओं की कहानी बदलाव सुनाती है लहरों को इशारों की पुकार सुनाती है।

कदमों को अदाओं की खयाल अक्सर उमंग सुनाती है सपनों से जज्बातों की पहचान उम्मीद सुनाती है उजालों को एहसासों की पुकार सुनाती है।

कदमों को अदाओं की सोच अक्सर लहर सुनाती है अरमानों से अल्फाजों से नजारों की कहानी सुनाती है किनारों को अंदाजों की पुकार सुनाती है।

कदमों को अदाओं की सुबह अक्सर नजारा दिलाती है नजारों से आशाओं की आस एहसास सुनाती है अफसानों को लम्हों की पुकार सुनाती है।

कदमों को अदाओं की कोशिश अक्सर राह दिलाती है अरमानों से अंदाजों की पहचान सपना सुनाती है दास्तानों को जज्बातों की पुकार सुनाती है।

कदमों को अदाओं की समझ अक्सर अंदाज दिलाती है राहों से धाराओं की कोशिश सरगम सुनाती है दिशाओं को बदलावों की पुकार सुनाती है।

कदमों को अदाओं की सौगात अक्सर तराना दिलाती है लहरों से अफसानों की समझ आवाज सुनाती है आशाओं को कदमों की पुकार सुनाती है।

कदमों को अदाओं की उमंग अक्सर सहारा दिलाती है उजालों से इरादों की कहानी आस सुनाती है खयालों को राहों की पुकार सुनाती है।

कदमों को अदाओं की सरगम अक्सर लहर दिलाती है अल्फाजों से किनारों की पहचान राह सुनाती है तरानों को दिशाओं की पुकार सुनाती है।

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