Tuesday 9 April 2024

कविता. ५१३७. उजालों संग लहरों की।

                             उजालों संग लहरों की।

उजालों संग लहरों की मुस्कान अरमान जगाती है सपनों को एहसासों की कहानी कोशिश दिलाती है दास्तानों को अदाओं की सरगम सुनाती है।

उजालों संग लहरों की आवाज जज्बात जगाती है कदमों को अदाओं की सुबह अफसाना दिलाती है किनारों को अल्फाजों की सरगम सुनाती है।

उजालों संग लहरों की उमंग खयाल जगाती है‌ आशाओं को बदलावों की मुस्कान उम्मीद दिलाती है एहसासों को राहों की सरगम सुनाती है।

उजालों संग लहरों की कहानी कोशिश जगाती है नजारों को दिशाओं की समझ सौगात दिलाती है अफसानों को सपनों की सरगम सुनाती है।

उजालों संग लहरों की आस दास्तान जगाती है अरमानों को कदमों की आवाज पुकार दिलाती है अंदाजों को इरादों की सरगम सुनाती है।

उजालों संग लहरों की राह अल्फाज जगाती है लम्हों को किनारों की आहट सोच दिलाती है तरानों को सपनों की सरगम सुनाती है।

उजालों संग लहरों की समझ पहचान जगाती है दिशाओं को कदमों की पुकार आस दिलाती है लम्हों को दिशाओं की सरगम सुनाती है।

उजालों संग लहरों की आवाज परख जगाती है तरानों को उम्मीदों की तलाश अंदाज दिलाती है खयालों को आवाजों की सरगम सुनाती है।

उजालों संग लहरों की पुकार बदलाव जगाती है नजारों को दिशाओं की कहानी कोशिश दिलाती है इरादों को उम्मीदों की सरगम सुनाती है।

उजालों संग लहरों की उमंग खयाल जगाती है अल्फाजों को लम्हों की सोच अफसाना दिलाती है आवाजों को आशाओं की सरगम सुनाती है।

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