Wednesday 17 April 2024

कविता. ५१४५. आवाज कोई सपनों संग।

                           आवाज कोई सपनों संग।

आवाज कोई सपनों संग खयाल सुनाती है कदमों को उजालों की पहचान पुकार दिलाती है उम्मीदों को किनारों की आहट बदलाव दिलाती है।

आवाज कोई सपनों संग सरगम सुनाती है तरानों को अरमानों की सुबह एहसास दिलाती है लहरों को इशारों की कहानी बदलाव दिलाती है।

आवाज कोई सपनों संग आस सुनाती है एहसासों को नजारों की कोशिश राह दिलाती है अफसानों को आशाओं की उमंग बदलाव दिलाती है।

आवाज कोई सपनों संग दास्तान सुनाती है लहरों को अल्फाजों की उम्मीद मुस्कान दिलाती है अंदाजों को राहों की सुबह बदलाव दिलाती है।

आवाज कोई सपनों संग अरमान दिलाती है अदाओं को दिशाओं की समझ सौगात दिलाती है लम्हों को दास्तानों की परख बदलाव दिलाती है।

आवाज कोई सपनों संग कोशिश दिलाती है आशाओं को जज्बातों की सरगम दास्तान दिलाती है अदाओं को उजालों की पुकार बदलाव दिलाती है।

आवाज कोई सपनों संग रोशनी दिलाती है अंदाजों को इरादों की कहानी अदा दिलाती है नजारों को अल्फाजों की कोशिश बदलाव दिलाती है।

आवाज कोई सपनों संग लहर दिलाती है जज्बातों को लहरों की सुबह लम्हा दिलाती है उम्मीदों को कदमों की पहचान बदलाव दिलाती है।

आवाज कोई सपनों संग उमंग दिलाती है अरमानों को तरानों की सोच अफसाना दिलाती है इरादों को लहरों की परख बदलाव दिलाती है।

आवाज कोई सपनों संग तलाश दिलाती है किनारों को अल्फाजों की मुस्कान कोशिश दिलाती है राहों को अरमानों की आस बदलाव दिलाती है।

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