Tuesday, 16 April 2024

कविता. ५१४४. जज्बातों की धून अक्सर।

                             जज्बातों की धून अक्सर।

जज्बातों की धून अक्सर पहचान दिलाती है लहरों को राहों की सौगात सुबह दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान अहमियत दिलाती है।

जज्बातों की धून अक्सर परख दिलाती है किनारों को सपनों की आस अल्फाज दिलाती है दास्तानों को एहसासों की रोशनी अहमियत दिलाती है।

जज्बातों की धून अक्सर अरमान दिलाती है कदमों को उजालों की उमंग आवाज दिलाती है राहों को अंदाजों की परख अहमियत दिलाती है।

जज्बातों की धून अक्सर आस दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी सरगम दिलाती है लहरों को इशारों की अदा अहमियत दिलाती है।

जज्बातों की धून अक्सर कोशिश दिलाती है सपनों को एहसासों की आहट परख दिलाती है दिशाओं को कदमों की सोच अहमियत दिलाती है।

जज्बातों की धून अक्सर अफसाना दिलाती है लम्हों को इशारों की उमंग खयाल दिलाती है अल्फाजों को उजालों की पहचान अहमियत दिलाती है।

जज्बातों की धून अक्सर आहट दिलाती है दास्तानों को अंदाजों की लहर आवाज दिलाती है आशाओं को इरादों की सौगात अहमियत दिलाती है।

जज्बातों की धून अक्सर उम्मीद दिलाती है तरानों को अरमानों की कोशिश अंदाज दिलाती है अफसानों को लहरों की पुकार अहमियत दिलाती है।

जज्बातों की धून अक्सर तलाश दिलाती है आवाजों को अदाओं की परख सोच दिलाती है कदमों को उजालों की कहानी अहमियत दिलाती है।

जज्बातों की धून अक्सर पुकार दिलाती है अल्फाजों को सपनों की आस बदलाव दिलाती है इशारों को अरमानों की सौगात अहमियत दिलाती है।

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