Wednesday 3 April 2024

कविता. ५१३१. सपनों को बदलावों की।

                             सपनों को बदलावों की।

सपनों को बदलावों की कोशिश सहारा देती है लम्हों को खयालों की सुबह इशारा देती है कदमों को अदाओं की पुकार सरगम सुनाती है।

सपनों को बदलावों की मुस्कान उमंग देती है लहरों को इशारों की कहानी एहसास देती है किनारों को इरादों की आवाज सरगम सुनाती है।

सपनों को बदलावों की आस अरमान देती है अल्फाजों को कदमों की आस खयाल देती है नजारों को दिशाओं की कोशिश सरगम सुनाती है।

सपनों को बदलावों की उम्मीद अदा देती है तरानों को अरमानों की पुकार अहमियत देती है आशाओं को दास्तानों की परख सरगम सुनाती है।

सपनों को बदलावों की रोशनी पुकार देती है किनारों को दिशाओं की समझ सौगात देती है जज्बातों को अंदाजों की आस सरगम सुनाती है।

सपनों को बदलावों की परख अफसाना देती है आशाओं को नजारों की सोच अल्फाज देती है राहों को अरमानों की पुकार सरगम सुनाती है।

सपनों को बदलावों की आवाज जज्बात देती है अंदाजों को इरादों की उमंग कहानी देती है एहसासों को अदाओं की समझ सरगम सुनाती है।

सपनों को बदलावों की सुबह एहसास देती है दास्तानों को लम्हों की आहट सौगात देती है अल्फाजों को राहों की कहानी सरगम सुनाती है।

सपनों को बदलावों की सोच अफसाना देती है इशारों को अंदाजों की परख पहचान देती है किनारों को इरादों की सोच सरगम सुनाती है।

सपनों को बदलावों की आहट तलाश देती है कदमों को राहों की मुस्कान दास्तान देती है तरानों को उजालों की सौगात सरगम सुनाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१५८. खयालों को मुस्कान अक्सर।

                             खयालों की मुस्कान अक्सर। खयालों की मुस्कान अक्सर आस देकर चलती है इशारों को दास्तानों की परख अंदाज दिलाती है अरम...