Saturday 27 April 2024

कविता. ५१५५. उजालों संग अरमानों की।

                            उजालों संग अरमानों की।

उजालों संग अरमानों की पहचान सुबह दिलाती है लहरों को एहसासों की कहानी आस सुनाती है जज्बातों को कदमों की सोच अफसाना दिलाती है।

उजालों संग अरमानों की पुकार कोशिश दिलाती है सपनों को किनारों की रोशनी दास्तान सुनाती है अल्फाजों को राहों की मुस्कान अफसाना दिलाती है।

उजालों संग अरमानों की आवाज तराना दिलाती है दिशाओं को कदमों की पुकार पहचान सुनाती है अदाओं को इशारों की समझ अफसाना दिलाती है।

उजालों संग अरमानों की सुबह तलाश दिलाती है अदाओं को बदलावों की सौगात उमंग सुनाती है दास्तानों को आशाओं की सरगम अफसाना दिलाती है।

उजालों संग अरमानों की आस नजारा दिलाती है जज्बातों को इरादों की परख कोशिश सुनाती है राहों को नजारों की पुकार अफसाना दिलाती है।

उजालों संग अरमानों की परख इरादा दिलाती है बदलावों को दिशाओं की आस किनारा सुनाती है आवाजों को कदमों की पुकार अफसाना दिलाती है।

उजालों संग अरमानों की सोच आस दिलाती है लम्हों को नजारों की कहानी बदलाव सुनाती है उम्मीदों को तरानों की सौगात अफसाना दिलाती है।

उजालों संग अरमानों की राह अंदाज दिलाती है इशारों को लहरों की सुबह मुस्कान सुनाती है खयालों को अल्फाजों की दिशा अफसाना दिलाती है।

उजालों संग अरमानों की रोशनी लहर दिलाती है कदमों को सपनों की पुकार पहचान सुनाती है लम्हों को अंदाजों की आहट अफसाना दिलाती है।

उजालों संग अरमानों की उमंग सरगम दिलाती है अदाओं को तरानों की सौगात सोच सुनाती है एहसासों को उम्मीदों की तलाश अफसाना दिलाती है।

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