Monday 29 April 2024

कविता. ५१५७. कदमों को आशाओं की।

                             कदमों को आशाओं की।

कदमों को आशाओं की पुकार कोशिश सुनाती है नजारों को राहों की सौगात पहचान दिलाती है दास्तानों को एहसासों की मुस्कान सुनाती है।

कदमों को आशाओं की पहचान सहारा सुनाती है दास्तानों को अंदाजों की परख खयाल दिलाती है सपनों को अफसानों की मुस्कान सुनाती है।

कदमों को आशाओं की उमंग आस सुनाती है एहसासों को किनारों की आहट अहमियत दिलाती है लहरों को इशारों की मुस्कान सुनाती है।

कदमों को आशाओं की सोच अफसाना सुनाती है लहरों को सपनों की सुबह एहसास दिलाती है लम्हों को उजालों की मुस्कान सुनाती है।

कदमों को आशाओं की तलाश अल्फाज सुनाती है लम्हों को जज्बातों की कहानी पुकार दिलाती है दिशाओं को बदलावों की मुस्कान सुनाती है।

कदमों को आशाओं की आवाज सपना सुनाती है दिशाओं को बदलावों की सौगात तराना दिलाती है अल्फाजों को लम्हों की मुस्कान सुनाती है।

कदमों को आशाओं की परख सरगम सुनाती है उजालों को एहसासों की उम्मीद लहर दिलाती है जज्बातों को किनारों की मुस्कान सुनाती है।

कदमों को आशाओं की समझ खयाल सुनाती है बदलावों को दिशाओं की सोच सपना दिलाती है तरानों को अरमानों की मुस्कान सुनाती है।

कदमों को आशाओं की कहानी अरमान सुनाती है अंदाजों को जज्बातों की सुबह पहचान दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान सुनाती है।

कदमों को आशाओं की सोच नजारा सुनाती है तरानों को दिशाओं की समझ सरगम दिलाती है इशारों को आवाजों की मुस्कान सुनाती है।

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