Sunday 21 April 2024

कविता. ५१४९. उम्मीदों को किनारों की।

                              उम्मीदों को किनारों की।

उम्मीदों को किनारों की पुकार पहचान दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान सरगम सुनाती है अफसानों को आशाओं की कहानी सुनाती है।

उम्मीदों को किनारों की आस दास्तान दिलाती है तरानों को अरमानों की पुकार अहमियत सुनाती है नजारों को लहरों की कहानी सुनाती है।

उम्मीदों को किनारों की सुबह आवाज दिलाती है इशारों को अल्फाजों की कोशिश सौगात सुनाती है दिशाओं को कदमों की कहानी सुनाती है।

उम्मीदों को किनारों की राह खयाल दिलाती है अरमानों को सपनों की आस इरादा सुनाती है आवाजों को बदलावों की कहानी सुनाती है।

उम्मीदों को किनारों की रोशनी समझ दिलाती है एहसासों को अदाओं की आहट सपना सुनाती है इशारों को आवाजों की कहानी सुनाती है।

उम्मीदों को किनारों की उमंग सरगम दिलाती है अंदाजों को बदलावों की पहचान परख सुनाती है जज्बातों को राहों की कहानी सुनाती है।

उम्मीदों को किनारों की कोशिश आस दिलाती है उजालों को सपनों की सौगात तलाश सुनाती है आशाओं को इरादों की कहानी सुनाती है।

उम्मीदों को किनारों की सोच अफसाना दिलाती है नजारों को दिशाओं की समझ आवाज सुनाती है इरादों को अल्फाजों की कहानी सुनाती है।

उम्मीदों को किनारों की परख सहारा दिलाती है खयालों को लहरों की सोच दास्तान सुनाती है कदमों को अरमानों की कहानी सुनाती है।

उम्मीदों को किनारों की सोच इरादा दिलाती है तरानों को धाराओं की धून अहमियत सुनाती है अंदाजों को अदाओं की कहानी सुनाती है।

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कविता. ५१६१. अरमानों को कदमों की।

                                अरमानों को कदमों की। अरमानों को कदमों की आहट सरगम देती है खयालों को अंदाजों की समझ सपना दिलाती है दास्तानों ...