Thursday 25 April 2024

कविता. ५१५३. इशारों को अफसानों संग।

                             इशारों को अफसानों संग।

इशारों को अफसानों संग आस तलाश दिलाती है लहरों की आवाज पुकार सुनाती है तरानों को उम्मीदों की कहानी अंदाज दिलाती है।

इशारों को अफसानों संग दास्तान कोशिश दिलाती है किनारों की आहट पहचान सुनाती है नजारों को दिशाओं की पहचान अंदाज दिलाती है।

इशारों को अफसानों संग उमंग सौगात दिलाती है खयालों की मुस्कान अहमियत सुनाती है जज्बातों को कदमों की आहट अंदाज दिलाती है।

इशारों को अफसानों संग रोशनी नजारा दिलाती है लम्हों की पहचान लहर सुनाती है खयालों को लहरों की परख अंदाज दिलाती है।

इशारों को अफसानों संग उम्मीद जज्बात दिलाती है नजारों की सोच कहानी सुनाती है अरमानों को सपनों की सुबह अंदाज दिलाती है।

इशारों को अफसानों संग खयाल कोशिश दिलाती है बदलावों की आस अल्फाज सुनाती है इरादों को राहों की सरगम अंदाज दिलाती है।

इशारों को अफसानों संग लहर दास्तान दिलाती है राहों की सौगात अहमियत सुनाती है अदाओं को एहसासों की रोशनी अंदाज दिलाती है।

इशारों को अफसानों संग सुबह सोच दिलाती है अल्फाजों की पहचान आवाज सुनाती है नजारों को दिशाओं की अहमियत अंदाज दिलाती है।

इशारों को अफसानों संग सरगम तलाश दिलाती है कदमों की कहानी पुकार सुनाती है किनारों को बदलावों की मुस्कान अंदाज दिलाती है।

इशारों को अफसानों संग सुबह सपना दिलाती है उजालों की सोच जज्बात सुनाती है उजालों को लहरों की पुकार अंदाज दिलाती है।

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