Tuesday, 23 April 2024

कविता. ५१५१. अंदाजों को इरादों की।

                               अंदाजों को इरादों की।

अंदाजों को इरादों की समझ जज्बात दिलाती है इशारों को लम्हों की कहानी तलाश देकर जाती है अरमानों को दिशाओं की समझ सोच दिलाती है।

अंदाजों को इरादों की कहानी कोशिश दिलाती है लहरों को कदमों की आहट आस देकर जाती है अल्फाजों को उजालों की पहचान सोच दिलाती है।

अंदाजों को इरादों की रोशनी अरमान दिलाती है नजारों को खयालों की परख सरगम देकर जाती है जज्बातों को किनारों की पुकार सोच दिलाती है।

अंदाजों को इरादों की आवाज किनारा दिलाती है सपनों को एहसासों की कोशिश दास्तान देकर जाती है अदाओं को तरानों की समझ सोच दिलाती है।

अंदाजों को इरादों की राह अफसाना दिलाती है जज्बातों को लहरों की सुबह समझ देकर जाती है राहों को खयालों की मुस्कान सोच दिलाती है।

अंदाजों को इरादों की सुबह दास्तान दिलाती है दास्तानों को अदाओं की पुकार सहारा देकर जाती है आवाजों को कदमों की बदलाव सोच दिलाती है।

अंदाजों को इरादों की सौगात अल्फाज दिलाती है राहों को अल्फाजों की अदा सरगम देकर जाती है लहरों को आशाओं की एहसास सोच दिलाती है।

अंदाजों को इरादों की पुकार नजारा दिलाती है दिशाओं को दिशाओं की पहचान लहर देकर जाती है उम्मीदों को किनारों की आहट सोच दिलाती है।

अंदाजों को इरादों की आस पहचान दिलाती है आशाओं को तरानों की सौगात तलाश देकर जाती है नजारों को दास्तानों की सुबह सोच दिलाती है।

अंदाजों को इरादों की आवाज खयाल दिलाती है कदमों को उजालों की पहचान परख देकर जाती है बदलावों को लम्हों की कोशिश सोच दिलाती है।

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