Saturday, 20 September 2025

कविता. ५६३६. तरानों को बदलावों की।

                            तरानों को बदलावों की।

तरानों को बदलावों की पुकार मुस्कान दिलाती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया जज्बात दिलाती है इरादों की पहचान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की आस अफसाना दिलाती है लहरों को खयालों की कोशिश सरगम दिलाती है अदाओं की पहचान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की उमंग खयाल‌ दिलाती है किनारों को अंदाजों की आहट आवाज दिलाती है लम्हों की पहचान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की रोशनी आवाज दिलाती है उजालों को आशाओं की सोच उम्मीद दिलाती है अंदाजों की पहचान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की सुबह तलाश दिलाती है आवाजों को अरमानों की सौगात तराना दिलाती है दिशाओं की पहचान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की परख अंदाज दिलाती है नजारों को उजालों की आस कोशिश दिलाती है आशाओं की पहचान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की सोच रोशनी दिलाती है अफसानों को अदाओं की समझ आस दिलाती है लहरों की पहचान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की राह एहसास दिलाती है किनारों को जज्बातों की आस उमंग दिलाती है अरमानों की पहचान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की तलाश समझ दिलाती है एहसासों को कदमों की सौगात दास्तान दिलाती है खयालों की पहचान दिलाती है।

तरानों को बदलावों की आवाज किनारा दिलाती है जज्बातों को इशारों की सरगम आवाज दिलाती है सपनों की पहचान दिलाती है।

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