Thursday, 25 September 2025

कविता. ५६४१. अंदाजों की महफिल अक्सर।

                         अंदाजों की महफिल अक्सर।

अंदाजों की महफिल अक्सर आशाओं की सरगम दिलाती है लम्हों को अल्फाजों की मुस्कान एहसास दिलाती है।

अंदाजों की महफिल अक्सर जज्बातों की रोशनी दिलाती है उजालों को अरमानों की पहचान एहसास दिलाती है।

अंदाजों की महफिल अक्सर आवाजों की धून दिलाती है अफसानों को कदमों की अहमियत एहसास दिलाती है।

अंदाजों की महफिल अक्सर नजारों की कोशिश दिलाती है जज्बातों को बदलावों की रोशनी एहसास दिलाती है।

अंदाजों की महफिल अक्सर तरानों की अफसाना दिलाती है लहरों को खयालों की सरगम एहसास दिलाती है।

अंदाजों की महफिल अक्सर इशारों की उमंग दिलाती है दास्तानों को उजालों की पहचान एहसास दिलाती है।

अंदाजों की महफिल अक्सर उम्मीदों की सौगात दिलाती है आवाजों को धाराओं की समझ एहसास दिलाती है।

अंदाजों की महफिल अक्सर लहरों की पहचान दिलाती है किनारों को सपनों की आहट एहसास दिलाती है।

अंदाजों की महफिल अक्सर उजालों की कोशिश दिलाती है अदाओं को खयालों की पुकार एहसास दिलाती है।

अंदाजों की महफिल अक्सर लम्हों की अहमियत दिलाती है आशाओं को दास्तानों की धून एहसास दिलाती है।


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