Sunday, 28 September 2025

कविता. ५६४४. अदाओं की धून अक्सर।

                            अदाओं की धून अक्सर।

अदाओं की धून अक्सर दास्तानों संग अल्फाज दिलाती है लम्हों को एहसासों की कोशिश संग जज्बात की मुस्कान दिलाती है।

अदाओं की धून अक्सर उजालों संग पहचान दिलाती है किनारों को कदमों की सौगात संग बदलाव की मुस्कान दिलाती है।

अदाओं की धून अक्सर धाराओं संग परख दिलाती है इरादों को लम्हों की अहमियत संग उम्मीद की मुस्कान दिलाती है।

अदाओं की धून अक्सर लहरों संग आवाज दिलाती है खयालों को नजारों की पहचान‌ संग अंदाज की मुस्कान दिलाती है।

अदाओं की धून अक्सर अरमानों संग दास्तान दिलाती है सपनों को अंदाजों की आहट संग लहर की मुस्कान दिलाती है।

अदाओं की धून अक्सर दिशाओं संग सौगात दिलाती है अल्फाजों को राहों की रोशनी संग उमंग की मुस्कान दिलाती है।

अदाओं की धून अक्सर तरानों संग पुकार दिलाती है अंदाजों को अफसानों की सोच संग‌ तलाश की मुस्कान दिलाती है।

अदाओं की धून अक्सर कदमों संग कोशिश दिलाती है आशाओं को बदलावों की आस संग रोशनी की मुस्कान दिलाती है।

अदाओं की धून अक्सर राहों संग लहर‌‌ दिलाती है खयालों को अरमानों की सुबह संग तलाश की मुस्कान दिलाती है।

अदाओं की धून अक्सर दिशाओं संग तराना दिलाती है जज्बातों को इशारों की उमंग संग सौगात की मुस्कान दिलाती है।

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