Tuesday 15 November 2016

कविता. १०५१. हर किस्से के अंदर कोई।

                                             हर किस्से के अंदर कोई।
हर किस्से के अंदर कोई लम्हा नया जिन्दा हो जाता है जो किस्सों को अलग किसम का मतलब देकर हर मौकों मे कई एहसास देकर आगे बढता हुआ जाता है जो जीवन मे किस्सों को कई किनारों से आगे लेकर चलता है।
हर किस्से के अंदर कोई एहसास अलगसी साँसे देकर जाता है जो किस्सों को हर पल से जोडे वह एहसास जीवन का विश्वास बदलकर आगे बढता जाता है वह किस्सों को मतलब देकर कई किनारों मे आगे लेकर बढता चलता है।
हर किस्से के अंदर कोई समझ अलगसी होती है जिसमे जीवन मे विश्वास कुछ अलग देकर चलता है जिसे परखकर जीवन का किस्सा हर बार दिशाए कुछ अलगसी देकर जाता है वह लम्हों को हर बार समझकर आगे चलता है।
हर किस्से के अंदर कोई सोच जीवन को कई दिशाए देकर जाती है वह किस्सा जो जीवन को मकसद देकर जाता है उस किस्से का एहसास जीवन को अलग तरह का मतलब तो जीवन को कई तरह कि उम्मीदे देकर आगे चलता है।
हर किस्से के अंदर कोई एहसास देकर आगे बढता जाता है जो किस्सों को कई किसम के मतलब देकर जाता है वह किस्सों को रोशनी कि आवाज अलगसी देकर जाता है वह हर किस्से को जुदासा देकर हर बार चलता है।
हर किस्से के अंदर कोई सोच को अलग तरह कि दिशाए देकर बढता जाता है जो जीवन मे कई कदमों मे परख कर जीवन मे कई एहसासों को अलग किसम कि समझ देकर आगे बढता जाता है क्योंकि किस्सा जीवन को मतलब देकर चलता है।
हर किस्से के अंदर कोई लम्हा जीवन को अलग समझ देकर बढता जाता है जो किस्सों को मतलब देकर हर मौके पर आगे बढता जाता है क्योंकि किस्सा ही जीवन को अलग किसम कि समझ देकर आगे बढता हुआ हर बार चलता है।
हर किस्से के अंदर कोई कहानी का हिस्सा छुपा रहता है जो जीवन मे किस्सों को कई तरह के मकसद देकर आगे बढता जाता है जो किस्सों को साँसे देकर हर पल चलता है किस्सों को समझ लेना हर बार हमे आगे लेकर चलता है।
हर किस्से के अंदर कोई मकसद देकर दुनिया को समझ लेना हर बार अलग तरह का नजर आता है क्योंकि किस्सा जीवन का हिस्सा बनकर हर मोड पर समझ देकर आगे बढता हुआ जाता है जो जीवन को कोई किस्सा देकर चलता है।
हर किस्से के अंदर कोई अलग समझ देकर आगे चलते जाना जरुरी होता है जो किस्सों को मतलब देकर आगे बढता जाता है जो किस्सों मे अलग तरह के मतलब देकर चलता जाता है जो जीवन को कोई मकसद देकर चलता है।

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