Monday 28 November 2016

कविता. १०७७. माटी के किनारे को।

                                            माटी के किनारे को।
माटी के किनारे को समझकर पैरों के एहसास को परख लेने कि जरुरत होती है जो माटी को छूँ लेने पर पैरो मे ठंडक देती है जो माटी के एहसासों को कई किस्सों मे समझ लेती है जो जीवन को ठंडक दे वह माटी शीतलता कि मूरत लगती है।
माटी के किनारे को समझकर जीवन कि कहानी बदलाव देकर चलती है जो जीवन मे माटी को कई एहसासों मे बदलाव देकर चलती है माटी मे अलग तरह कि ठंडक हर बार रहती है जो जीवन को कई एहसासों मे आगे लेकर चलने लगती है।
माटी के किनारे को परखकर आगे चलते जाने कि हर मोड पर जरुरत रहती है जो ठंडक के एहसासों को अलग दिशाओं मे देकर चलती है जो जीवन को कई किस्सों मे कुछ अलग तरह का एहसास देकर आगे बढने लगती है।
माटी के किनारे को समझ लेने के लिए उसकी ठंडक को महसूस करने कि जरुरत जीवन को हर मौके पर रहती है जो माटी के ठंडक मे दुनिया को अलग तरह कि समझ देकर जुदासा एहसास देकर आगे चलते जाने मे लगती है।
माटी के किनारे को परखकर दुनिया हर बार आगे बढती है जो जीवन मे किनारों को ठंडक के सहारे पहचान देकर आगे बढती है जो जीवन मे माटी कि दुनिया को कई तरह खुशियाँ देकर जाती है जो जीवन मे उम्मीदे देनेवाली सोच मे लगती है।
माटी के किनारे को समझकर ही तो जीवन कि हर परख जिन्दा रहती है जो जीवन मे माटी के कई एहसासों को उम्मीदे देकर हर बार आगे चलती है क्योंकि माटी कि ठंडक ही तो माटी को अलग मतलब देकर आगे चलती है क्योंकि वह जीवन कि उम्मीद लगती है।
माटी के किनारे को कई तरह कि ठंडक जीवन को कई किसम कि ताकद जिन्दा रहती है जो जीवन को अलग तरह कि पहचान हर बार होती है जो जीवन को माटी कि शीतलता से अलग तरह का विश्वास देकर चलती है जो जीवन को अलग उजाला लगती है।
माटी के किनारे को छूँ लेते है तभी तो जमीन कि ठंडक जीवन को कई किसम की राहे दिखाती है अलग तरह कि ठंडक जमीन जीवन को कई तरह के इशारे देकर आगे बढती है जो जीवन को अलग पहचान देकर हर बार अलग दिशाए लगती है।
माटी के किनारे को बचपन मे समझ लेने कि ताकद देती है क्योंकि माटी को छूँ लेते है बचपन मे माटी को कई तरह के एहसास देकर आगे चलते है जो जीवन को कई तरह कि उम्मीदे देकर रहती है जो जीवन कि रोशनी लगती है।
माटी के किनारे को ठंडे एहसासों को समझ लेने कि जरुरत हर मौके पर रहती है जीवन मे पानी को समझ लेने कि जरुरत हर बार माटी मे रहती है जो जीवन को कई उम्मीदे देकर हर बार आगे बढती है जो हर बार एक नई सुबहसी लगती है।

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