Wednesday, 9 November 2016

कविता. १०३८. जमीन के कोने को भीगाना।

                                        जमीन के कोने को भीगाना।
बारीश के बूँदों से हर बार सिखते जाने कि जरुरत हर पल होती है जो जीवन को अलग किस्सों मे समजाती रहती है क्योंकि बूँदों को हर कोने पर गिरना आता है हर कोने मे बूँदों को छा जाना हर बार जीवन कि जरुरत को सिखाता है।
बारीश के बूँदों से ही हर कहानी को जिन्दा होना होता है जिसमे जीवन को कई किस्सों मे समझ लेना होता है क्योंकि बूँदों को हर किनारे को छूँना हर पल जरुरी होता है क्योंकि उनमे ही जीवन हर बार छुपा होता है जो जीवन को अलग बात सिखाता है।
बारीश के बूँदों से ही हर हरीयाली को परख लेना होता है क्योंकि बारीश कि बूँदों को हर एक जमीन के हिस्से को छूँ कर जाना है क्योंकि बारीश का हिस्सा हर बार जमीन को कई कोनों से समझ लेता है जो जीवन कि हर एक मौके कि कदर करना सिखाता है।
बारीश के बूँदों से ही जमीन के हर एक कोने को छूँ लेना हर बार जरुरी होता है जो बारीश कि बूँदों को परख ले वह सोच का किनारा हर बार अलग तरह का होता है जो जीवन को कई तरह के मतलब देकर आगे चलना सिखाता है।
बारीश के बूँदों से ही हर कोने को छूँ लेना जरुरी होता है जो बूँदों को एक अलग ही ताकद देकर आगे जाता है बूँदों को समझ लेना हर पल अहम होता है जमीन के हर कोने पर बारीश का असर हर पल हर मौके पर अलग मतलब सिखाता है।
बारीश के बूँदों से ही तो जीवन को कई कोनों मे जमीन को छूँ लेना होता है क्योंकि जमीन का हर हिस्सा उन बूँदों का किस्सा हर बार कहता रहता है हमे बूँदों के सहारे ही जीवन को समझ लेना हर बार जरुरी होता है जो जीवन को अलग समझ सिखाता है।
बारीश के बूँदों से ही तो जमीन मे जीवन जिन्दा रहता है जो हर मौके पर जमीन मे कई कहानियाँ जिन्दा कर के आगे लेकर चलता है जो जमीन मे जीवन को जिन्दा रखता है उस पानी को जमीन के अंदर से समझ देकर आगे बढना सिखाता है।
बारीश के बूँदों से ही तो जमीन को परख लेने कि जरुरत होती है क्योंकि पानी के सहारे जमीन मे जीवन को हर बार तलाश लेती है क्योंकि पानी के बूँदों मे ही ताकद देकर चलती है जो हर बार बूँदों को जमीन के हर कोने मे भीगाना सिखाता है।
बारीश के बूँदों से ही तो पानी दिखाता है हर कोने मे जमीन के पानी का पहुँचना जरुरी होता है क्योंकि पानी को जमीन के हर हिस्से पर समझ लेना जरुरी होता है पानी को समझकर जमीन के हर कोने को समझ लेने कि जरुरत सिखाता है।
बारीश के बूँदों से ही तो हर कोना भीगा देती है जो पानी को हर कोने पर अलग मतलब देकर आगे बढती जाती है क्योंकि बूँदों को कई किस्सों मे समझ लेने कि जरुरत होती है क्योंकि पानी कि बूँदों को हर कोने मे जमीन को समझ लेने कि जरुरत होती है जो जीवन को नई रोशनी का मतलब सिखाती है।

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