Thursday 23 March 2017

कविता. १३०६. लब्ज के अंदर हर।

                                                       लब्ज के अंदर हर।
हर लब्ज के अंदर हर लम्हे कि कहानी हर बार लिखी रहती है जो जीवन मे कई एहसासों को उजाला कई तरह का देकर जाती है जो जीवन मे हर एहसासों को अंदाज अलगसे देती है जिनसे जीवन कि अलग शुरुआत बनती है।
हर लब्ज के अंदर हर राह कि पुकार हर मौके पर लिखी रहती है जो जीवन मे कई रंगों कि कहानी को अलग मकसद देकर जाती है जो जीवन मे कई इशारों को अलग उजालों कि जरुरत हर मोड पर अक्सर बनती है।
हर लब्ज के अंदर हर किनारे को अलग पुकार लिखी रहती है जो जीवन मे कई इशारों कि जरुरत हर मौके पर रोशनी हर बार दिखाती है जो जीवन मे कई बदलाव कि चाहत देकर जाती है जो जीवन कि सौगाद बनती है।
हर लब्ज के अंदर हर उजाले को अलग इशारों मे लिखी रहती है जो जीवन मे कई एहसासों कि दिशाए हर बार बदलाव दिखाती है वह हर किस्से को अलग सौगाद दिलाती है जो जीवन मे कई किनारों को अलग समझ देकर बनती है।
हर लब्ज के अंदर हर इशारे को अलग उजाला देती है जिसमे किस्मत लिखी रहती है जो जीवन मे कई कहानियों को अलग इशारों के साथ कुछ किरणों कि जरुरत देती जाती है वह हर मौके को मकसद देकर बनती है।
हर लब्ज के अंदर हर इरादे कि सौगाद अलग किनारा देती है जो जीवन मे कई एहसासों को नयी पहचान हर मौके पर दिलाती है जिसमे हर राह को मतलब देने कि आदत हर बार हर सौगाद के साथ मतलब देकर बनती है।
हर लब्ज के अंदर हर पहचान कि जरुरत हर मकसद को होती है जो हर लब्ज को पहचान लेने कि जरुरत जीवन को हर आवाज के साथ होती है हर दिशा मे कोई अलग पुकार होती है जो जीवन मे कई एहसासों को पहचान देकर बनती है।
हर लब्ज के अंदर हर इशारे कि जरुरत हर किनारे को जिन्दा करती है जो हर पल के साथ दुनिया को कई किनारों के साथ आगे चलती है जो जीवन मे हर इशारे को अलग इरादा दिलाती है वह हर आवाज को अलग रोशनी देकर बनती है।
हर लब्ज के अंदर हर कहानी कि पहचान हर मौके को अलग अंदाज देती है जो हर बार हर इशारे को उम्मीदे दिलाती है जो जीवन मे कई रंगों को अलग आवाज दिखाती है जो जीवन मे कई किनारों को अलग उजाला देकर बनती है।
हर लब्ज के अंदर हर इशारे कि पुकार हर किनारे को अलग किस्सा हर इरादे के साथ देकर चलती है जो जीवन मे कई खयालों के साथ कई किसम कि परख जीवन मे कई लम्हों को परख अलग तरह कि देती है जो हर उम्मीद देकर बनती है। 

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