Thursday 9 March 2017

कविता. १२७९. हर नजारा जीवन मे कोई पहचान।

                                                हर नजारा जीवन मे कोई पहचान।
हर नजारा जीवन मे कोई पहचान दिलाता है हर किस्से का मतलब हर एहसास को समझ देकर चलता है जो जीवन मे कई बदलाव लाता है हर बार हर नजारा जीवन को नयी पहचान बताकर हर किस्से के संग आगे जाता है।
हर नजारा जीवन मे कोई पहचान दिलाता है हर मोड का एहसास कुछ अलग पुकार दिखाता है जो जीवन मे हर किस्से कि पहचान अलग बताता है जो जीवन मे कई किस्सों मे उम्मीदे देकर आगे जाता है।
हर नजारा जीवन मे कोई पहचान दिलाता है हर किनारे का मतलब कुछ अलग दिशाओं मे आगे बढता रहता है जो जीवन मे कई रंगों कि दुनिया को अलग अंदाज मे रोशनी देकर आता है जो जीवन मे राहों के साथ आगे जाता है।
हर नजारा जीवन मे कोई पहचान दिलाता है हर रंग के अंदर कई किस्सों को मकसद कई दिखाता है वह हर किस्से के संग हर एहसास को अलग समझ दिखाता है वह हर धारा को अलग मकसद कि पहचान देकर आगे जाता है।
हर नजारा जीवन मे कोई पहचान दिलाता है हर पुकार को कई किनारों पर जिन्दा करता जाता है वह हर अंदाज को जीवन मे खास बनाकर रहता है वह हर दिशा मे हर सुबह एक अलग रोशनी देकर आगे जाता है।
हर नजारा जीवन मे कोई पहचान दिलाता है हर आवाज को समझ लेने कि जरुरत वह जीवन मे देता है वह कई दिशाओं के साथ जीवन को कई किरणों का उजाला दे जाता है वह हर पल उम्मीद के संग आगे जाता है।
हर नजारा जीवन मे कोई पहचान दिलाता है हर किस्से का कोई मतलब हर बार उस नजारे मे कई किनारे देकर चलता है वह हर बार जीवन मे हर पल के साथ कई नजारों को मकसद देता रहता है जो जीवन मे कई रंगों कि ताकत देकर आगे जाता है।
हर नजारा जीवन मे कोई पहचान दिलाता है हर आवाज को परख लेने कि समझ हर मौके पर देकर चलता है हर एहसास जीवन मे कोई अलग किनारा दिखाता है हर कदम पर वह हर लम्हा उम्मीदों के उजाले बाँटकर दुनिया मे आगे जाता है।
हर नजारा जीवन मे कोई पहचान दिलाता है हर कहानी को समझ देकर चलता है जो जीवन मे कई रंगों को मतलब दिखाता है वह हर मौके पर जीवन को हर किनारे पर परख दिखाता है जो जीवन मे लहरों को अक्सर समझकर आगे जाता है।
हर नजारा जीवन मे कोई पहचान दिलाता है हर मौके को समझ दिखाकर जाता है जो जीवन मे कई इशारों पर एहसास जुदासा दिलाता रहता है जो जीवन मे कई रंगों को एहसास अलगसा दिखाता है वह हर बार जीवन मे आगे जाता है। 

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२५. किनारों को अंदाजों की।

                              किनारों को अंदाजों की। किनारों को अंदाजों की समझ एहसास दिलाती है दास्तानों के संग आशाओं की मुस्कान अरमान जगाती...