Wednesday 22 March 2017

कविता. १३०४. हर इरादे को कोई आवाज।

                                            हर इरादे को कोई आवाज।
हर इरादे को कोई आवाज आगे लेकर चलती है वह इरादे को कोई अलग मकसद देकर जाती है हर बार हर इरादे के साथ दुनिया अलग नजर आती है क्योंकि दुनिया कि कहानी हर बार इरादों के साथ बनती है।
हर इरादे को कोई आवाज आगे लेकर चलती है वह हर मौके को कोई मतलब देकर जाती है हर बार कई इशारों से दुनिया को समझ लेने कि जरुरत रहती है जो जीवन मे इरादे को अलग पहचान देकर दुनिया मे कई मतलब दिलाकर बनती है।
हर इरादे को कोई आवाज आगे लेकर चलती है वह हर इशारे को कोई पहचान देकर जाती है हर बार कई तरह कि समझ को दुनिया कई किसम के इशारे देती है हर बार उन्हे समझ लेने कि जरुरत जीवन को रोशनी बनाती है।
हर इरादे को कोई आवाज आगे लेकर चलती है वह हर रोशनी को कोई दिशा देकर जाती है हर बार कई तरह कि उम्मीदोंको दुनिया कई दिशाओं के सहारे आगे बढती जाती है जो जीवन मे कई रंगों को मकसद देकर बनती है।
हर इरादे को कोई आवाज आगे लेकर चलती है वह हर हवाओं को बदलाव दिखाती है जो जीवन मे कई रंगों कि दुनिया को मतलब देकर आगे बढती है जो जीवन मे कई इशारों को अलग तरह के मतलब दिलाती है जिसमे जीवन कि कहानी बनती है।
हर इरादे को कोई आवाज आगे लेकर चलती है वह हर राह को आसान मतलब दिखाती है जो जीवन मे कई खयालों को मकसद दिखाती है वह हर सोच को नयी पहचान दिलाती है वह दुनिया को अलग किनारे से टकराकर कुछ अलगसी बनती है।
हर इरादे को कोई सोच आगे लेकर चलती है वह हर बार किसी आवाज को अलग पहचान दिलाती है वह हर इरादे के संग कोई अलग पुकार दिखाकर समझ को आगे लेकर बढती जाती है हर इरादे से कोई अलग पुकार बनती है।
हर इरादे को कोई एहसास देकर दुनिया आगे लेकर चलती है हर बार किसी नजारे को कोई पहचान दिलाती है वह हवाओं को अलग दिशाए समझाकर आगे जाती है वह हर आवाज को मतलब देकर उम्मीदों के सहारे चलती है जिससे दुनिया कुछ खास बनती है।
हर इरादे को कोई आवाज देकर दुनिया आगे बढती है हर बार किसी समझ को परखकर जीवन मे अलग तरह कि रोशनी हर आवाज के संग दिलाती है वह हर किस्से को अलग उजाला हर पल देकर दुनिया मे अक्सर बनती है।
हर इरादे को कोई आवाज देकर दुनिया आगे जाती है हर बार नजारा देखने को मन कि आहट हर बार कोई अलग पुकार दिखाकर जाती है वह हर बार किसी आवाज कि अलग रोशनी हर उजाले के साथ बनती है। 

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