Sunday 2 April 2017

कविता. १३२७. हर बात को कई।

                                                    हर बात को कई।
हर बात को कई किस्सों मे समझ लेने कि जरुरत जीवन को हर मौके पर होती है जो जीवन मे हर कहानी को कई एहसासों के संग जिन्दा रखती है वह हर बात को समझकर आगे बढने कि जरुरत हर मौके को देकर चलती है।
हर बात को कई इशारों मे समझ लेने कि जरुरत जीवन को हर मकसद पर होती है जो जीवन मे हर लम्हे को कई किनारों के साथ आगे लेकर चलती है जो जीवन मे कई रंगों कि आवाज को अलग एहसास देकर चलती है।
हर बात को कई किनारों मे समझ लेने कि जरुरत जीवन को हर बार नयी राह पर होती है जो जीवन मे हर पल को कई इशारों के साथ अलग सुबह कि रोशनी हर पल दिलाती है वह लढने कि ताकत देकर चलती है।
हर बात को कई इरादों मे समझ लेने कि जरुरत जीवन को हर इशारे के संग नयी दुनिया के साथ मे होती है जो जीवन मे कई एहसासों को समझ अलग तरह कि दिलाकर जाती है वह हर किस्से को नया उजाला देकर चलती है।
हर बात को कई किनारों मे समझ लेने कि जरुरत जीवन को हर उम्मीद मे रहती है वह हर दिशा को अलग अंदाजों के संग आगे लेकर जाती है वह हर बार जीवन मे कोई कहानी के साथ पहचान देकर चलती है।
हर बात को कई इशारों मे समझ लेने कि जरुरत जीवन को हर मौके मे रहती है वह हर इशारे को अलग सौगाद के संग आगे बढती जाती है वह हर बार जीवन मे किसी उजाले के साथ आगे उम्मीदे देकर चलती है।
हर बात को कई इरादों मे समझ लेने कि जरुरत जीवन को हर लम्हे मे रहती है वह हर राह को कई इशारों के साथ अलग तरह कि आवाज दिलाती रहती है वह हर मोड के साथ अलग उजाला देकर चलती है।
हर बात को कई किनारों मे समझ लेने कि जरुरत जीवन को हर राह मे रहती है वह हर इरादे को कई किनारों के साथ अलग नजारे दिखाकर आगे बढती है वह हर इशारे को कई किनारों से अलग पहचान देकर चलती है।
हर बात को कई इशारों मे समझ लेने कि जरुरत जीवन को हर मौके मे रहती है वह हर इशारे को कई एहसासों के संग आगे चलती है वह हर राह को कई किनारों पर अलग तरह के अंदाज देकर चलती है।
हर बात को कई राहों मे समझ लेने कि जरुरत जीवन को हर इशारे मे रहती है वह हर किस्से को एहसास के साथ आगे बढती है वह हर मौके को पहचान अलग किसम कि दिखाती है वह जीवन मे हर बार अलग किस्सा देकर चलती है। 

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