Tuesday 25 April 2017

कविता. १३७२. हर किस्से को पुकार कि अलगसी।

                                                   हर किस्से को पुकार कि अलगसी।
हर किस्से को पुकार कि अलगसी समझ होती है जो जीवन मे हर कदम को अलग अल्फाज दिलाती है वह हर इशारे को अलग सुबह कि आवाज सुनाती है वह हर इशारे को कई किस्सों के संग उम्मीद देकर चलती है।
हर किस्से को पुकार कि अलगसी परख होती है जो जीवन मे हर दिशा को अलग पहचान दिलाती है वह हर धारा को अलग राह कि जरुरत सुनाती है वह हर मौके को कई लब्जों के संग एहसास देकर चलती है।
हर किस्से को पुकार कि अलगसी सोच होती है जो जीवन मे हर अल्फाज को अलग सुबह दिलाती है वह हर दिशा को अलग रंगों कि समझ सुनाती है वह हर इरादे को कई किनारों के संग जज्बात देकर चलती है।
हर किस्से को पुकार कि अलगसी उम्मीद होती है जो जीवन मे हर किस्से को अलग कहानियों कि आवाज दिलाती है वह हर किरण को कई किनारों के संग उम्मीद अलगसी देती है हर बार हर कदम पर इरादे देकर चलती है।
हर किस्से को पुकार कि अलगसी समझ होती है जो जीवन मे हर इशारे को अलग सुबह कि आवाज दिलाती है वह हर इशारे को कई कदमों के संग अलगसी सुबह देती है हर बार हर सौगाद पर जो इशारे देकर चलती है।
हर किस्से को पुकार कि अलगसी परख होती है जो जीवन मे हर कदम को अलग किसम कि समझ दिलाती है वह हर इरादे को कई किनारों के संग सुबह कि पुकार देती है हर बार हर नजारे पर जो इरादे देकर चलती है।
हर किस्से को पुकार कि अलगसी पहचान होती है जो जीवन मे हर रोशनी को अलग एहसास कि परख दिलाती है वह हर उम्मीद को कई कदमों के संग इशारे कि पहचान देती है हर बार हर इरादे पर जो उम्मीदे देकर चलती है।
हर किस्से को पुकार कि अलगसी समझ होती है जो जीवन मे हर धारा मे हर किस्से को अलग रोशनी कि आवाज दिलाती है वह हर धारा को कई किरणों के संग इरादे कि जरुरत देती है हर बार हर इशारे पर जो रोशनी देकर चलती है।
हर किस्से को पुकार कि अलगसी उम्मीद होती है जो जीवन मे हर रंगों मे हर इरादे को अलग आवाज कि रोशनी दिलाती है वह हर किनारे को कई उजालों के संग विश्वास कि अहमियत देती है हर बार हर किस्से पर जो पुकार देकर चलती है।
हर किस्से को पुकार कि अलगसी दिशाए होती है जो जीवन मे हर लम्हे मे हर किस्से को अलग पहचान कि पुकार दिलाती है वह हर राह को कई किनारे के संग अलगसी आवाज कि जरुरत उजाला देती है हर बार हर राह पर जो इशारे देकर चलती है। 

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