Friday 7 April 2017

कविता. १३३७. हर खयाल मे जज्बात के संग।

                                                  हर खयाल मे जज्बात के संग।
हर खयाल मे जज्बात के संग अलगसा विश्वास दिखाती है वह हर सोच को हर लब्ज के अंदर कई कहानियों के संग अलगसा विश्वास देती है जो जीवन मे जज्बातों को अलग सुबह हर किस्से के अंदर साथ देती है।
हर खयाल को जज्बात के संग अलगसा एहसास दिखाती है वह हर खयाल को परखकर ही दुनिया मे नयी सुबह लाती है हर इशारे को समझकर दुनिया आगे चलती है वह जीवन मे कई रंगों को एहसास अलगसा देती है।
हर खयाल को जज्बात के संग अलगसा इतबार दिखाती है वह सोच जीवन मे कई एहसासों कि दिशाए हर बार मौके कि आस दिखाती है जो जीवन मे कई रंगों कि दुनिया के साथ अलग एतबार देती है।
हर खयाल को जज्बात के संग अलगसा एहसास दिखाती है वह हर इशारे मे कोई अलग पहचान देकर आगे जाती है हर एहसास को समझ लेने कि जरुरत किसी सोच के साथ आगे लेकर चलती है जो जीवन मे कई रंगों कि ताकत देती है।
हर खयाल को जज्बात के संग अलगसा किनारा दिखाती है वह हर राह को हर लम्हा कोई अलग पुकार दिखाती है हर बार खयालों के साथ दुनिया अलग सुबह का इशारा दिलाती है वह हर किस्से को रोशनी देती है।
हर खयाल को जज्बात के संग अलगसा एहसास दिखाती है वह हर इशारे को हर किस्से के संग अलग सुबह दे जाती है वह हर इशारे को अलग एहसास के साथ आगे लेकर चलती है वह हर इशारे को उजाला देती है।
हर खयाल को जज्बात के संग अलगसा इशारा दिखाती है वह हर इरादे को हर मौके पर एहसास जुदा दे जाती है वह हर इशारे को कोई अलगसी दुआ देती है क्योंकि हर कहानी को अलग समझ लेने कि पुकार अलग आवाज देती है।
हर खयाल को जज्बात के संग अलगसा रंग समझ लेने कि जरुरत नया रंग दिखाती है उसमे हर कहानी कोई अलग पहचान दिखाती है क्योंकि खयाल से ही तो दुनिया कि हर कहानी जिन्दा होती है जो जीवन मे खुशियाँ देती है।
हर खयाल को जज्बात के संग अलगसा किनारा दिखाती है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर मकसद को हर पल के साथ अक्सर होती है हर सोच को कई किनारों से परख लेने कि जरुरत जीवन को अलग किनारा देती है।
हर खयाल को जज्बात के संग अलगसा इशारा दिखाती है वह हर बार दिशाओं के साथ आवाज अलगसी लाती है वह हर इशारे को समझकर कोई अलगसा खयाल देकर जाती है वह जीवन मे अलग उम्मीदे देती है। 

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