Saturday 1 April 2017

कविता. १३२४. हर किरण को उजाला देने कि।

                                                    हर किरण को उजाला देने कि।
हर किरण को उजाला देने कि जरुरत हर सोच मे रहती है वह हर रोशनी को समझ लेने कि जरुरत हर इशारे मे देती है वह हर बार किसी आवाज कि अलग पहचान दिलाती है जो किरणों के सहारे आगे बढती है।
हर किरण को उजाला देने कि जरुरत हर रोशनी मे रहती है वह हर कदम को राह देने कि समझ मन मे रखती है वह हर उजाले के संग दुनिया को कई एहसासों कि कहानी हर पल के साथ अलग किनारे से आगे बढती है।
हर किरण को उजाला देने कि जरुरत हर किस्से मे रहती है  वह हर मौके को पहचान देने कि जरुरत जीवन को आगे रखती है वह हर इशारे के संग जीवन को कई किनारों कि पहचान हर मौके को उजाला देकर आगे बढती है।
हर किरण को उजाला देने कि जरुरत हर मौके मे रहती है वह हर किनारों को एहसास देने कि पुकार नये उजाले के संग आगे लेकर जाती है वह हर कोने को नयी रोशनी दिलाती है वह हर इशारे के संग आगे बढती है।
हर किरण को उजाला देने कि जरुरत हर लम्हे मे रहती है वह हर बात को दिशाए देने कि कोशिश करती है हर बार रोशनी कि कोई पहचान हमे हर लम्हे के संग कई इशारों मे आगे लेकर चलती है वह हर पल आगे बढती है।
हर किरण को उजाला देने कि जरुरत हर आवाज मे रहती है वह हर मौके को कई कहानियों के साथ आगे लेकर चलती है वह हर रोशनी को उजाला हर किस्से के संग दिलाती है हर बार किसी पुकार के साथ वह हर कोने से आगे बढती है।
हर किरण को उजाला देने कि जरुरत हर साँस मे रहती है वह हर इशारे को कई अंदाज दिखाया करती है वह हर रोशनी के साथ जीवन मे हर कोने को उजाला देने कि जरुरत होती है वह हर राह को पहचान देकर आगे बढती है।
हर किरण को उजाला देने कि जरुरत हर मकसद मे रहती है वह हर राह को कई किनारों पर अलग सुंदरता हर बार रहती है जो हर कोने मे कोई अलग एहसास दिखाकर आगे चलती है वह हर कोने मे अलग एहसास देकर आगे बढती है।
हर किरण को उजाला देने कि जरुरत हर इशारे मे रहती है वह हर रोशनी को कई उजालों के साथ आगे चलती है वह हर उजाले के साथ जीवन को कई रंगों कि दुनिया हर मौके पर दिखाकर हर पल आगे बढती है।
हर किरण को उजाला देने कि जरुरत हर मकसद मे रहती है हर कोने को अलग तरह का उजाला दिखाकर आगे जाती है हर किनारे पर उजाले को समझ लेने कि जरुरत हर बार रहती है जो जीवन मे हर किस्से को एहसास देकर आगे बढती है। 

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