Friday 7 April 2017

कविता. १३३६. खामोश निगाहों मे भी।

                                                      खामोश निगाहों मे भी।
खामोश निगाहों मे भी जज्बात कई छूँपे रहते है लब्ज तो उनमे होते है जो आवाज अलगसी देते है खामोश एहसासों मे कोई कहानी बनती है जो हर किस्से के संग आवाज को नयी लहर देकर अक्सर बहती रहती है।
खामोश निगाहों मे भी आग कुछ ऐसी होती है वह जीवन मे जज्बातों को अलग अफसाना बताकर बहती है जो रुक कर भी कुछ ऐसे आगे बढती है वह साँसों के संग खयालों कि आँधी को अलग उजाला देती रहती है।
खामोश निगाहों मे भी पुकार कुछ ऐसी होती है वह कई तूफानों को सीने मे दबाकर मुस्कान अलगसी देकर चलती है वह आसमान के किसी परिंदे को भी चुपचाप नजर से समझ लेती है वह तूफानों के रुख को पहचानकर चलती रहती है।
खामोश निगाहों मे भी आँधी कुछ ऐसी रहती है वह कई किनारों से नये इशारों के परिंदों कि कहानी पढती है वह जीवन के हर लब्ज को कई किनारों से समझकर आगे चलती है वह हर अंगारे को मन मे छूँकर दास्तान को सही वक्त पर बदलती रहती है।
खामोश निगाहों मे भी धडकन कुछ ऐसी रहती है वह कई इरादों से नयी सुबह कि रोशनी दिलाती रहती है जो निगाहों मे जज्बातों को एहसास अलगसा देकर चलती है वह हर इशारे को आवाज दिखाकर हर किस्से के संग बदलती रहती है।
खामोश निगाहों मे भी मकसद कि धार कुछ ऐसी रहती है वह कई कहानियों के साथ अलग अलग किरदारों कि समझ देकर चलती है क्योंकि खामोशी कुछ कहती नही पर हर बात हर मोड पर अपने मन से सुनती रहती है।
खामोश निगाहों मे भी जज्बात कि आवाज कुछ ऐसी रहती है वह कई किनारों के साथ अलग इशारों कि जरुरत हर मौके पर देकर चलती है वह हर मतलब के साथ जीवन को अलग इशारों के साथ नये मतलब बताती रहती है।
खामोश निगाहों मे भी जज्बातों कि आँधी कुछ ऐसी रहती है वह कई किस्सों के साथ जीवन मे कई इशारों से इरादों के छूँपे मतलब देकर चलती है वह हर इशारे के साथ जीवन मे कई रंगों के मतलब अक्सर समझकर आगे बढती रहती है।
खामोश निगाहों मे भी कई कहानियों मे भी एक आँस छूँपी रहती है जो जीवन मे आँधीयों के साथ लढने कि उम्मीदे देकर चलती है जो जीवन मे खामोश एहसासों के संग अलगसा विश्वास देती है वह जीवन मे अक्सर आगे बढती रहती है।
खामोश निगाहों मे भी कई खयालों कि परख अक्सर रहती है जो जीवन मे कई जज्बातों को अलग सुबह के साथ कुछ अलग रोशनी दिखाती है जो जीवन मे कई एहसासों को समझ देकर आगे बढती है उन आँखों मे अलगसी उम्मीद हर लम्हा रहती है। 

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