Friday 10 November 2023

कविता. ४९८६. इशारों को तरानों संग।

                               इशारों को तरानों संग।

इशारों को तरानों संग जुड़ने की उमंग सपना दिलाती है खयालों की मुस्कान आशाओं से अफसाना सुनाती है नजारों को दिशाओं की समझ देकर जाती है।

इशारों को तरानों संग जुड़ने की राह कोशिश दिलाती है लहरों की सरगम आवाजों से उमंग सुनाती है एहसासों को अंदाजों की समझ देकर जाती है।

इशारों को तरानों संग जुड़ने की आस अरमान दिलाती है लम्हों की आहट अल्फाजों से तलाश सुनाती है अफसानों को अदाओं की समझ देकर जाती है।

इशारों को तरानों संग जुड़ने की उम्मीद खयाल दिलाती है उजालों की सुबह कदमों से अदा सुनाती है अंदाजों को इरादों की समझ देकर जाती है।

इशारों को तरानों संग जुड़ने की मुस्कान आवाज दिलाती है दिशाओं की सौगात नजारों से सरगम सुनाती है आशाओं को बदलावों की समझ देकर जाती है।

इशारों को तरानों संग जुड़ने की सोच अल्फाज दिलाती है दास्तानों की पहचान खयालों से परख सुनाती है एहसासों को उम्मीदों की समझ देकर जाती है।

इशारों को तरानों संग जुड़ने की कहानी बदलाव दिलाती है अदाओं की कहानी लहरों से सौगात सुनाती है लम्हों को राहों की समझ देकर जाती है।

इशारों को तरानों संग जुड़ने की तलाश सोच दिलाती है जज्बातों की सौगात राहों से पहचान सुनाती है नजारों को दिशाओं की समझ देकर जाती है।

इशारों को तरानों संग जुड़ने की अदा सपना दिलाती है किनारों की पुकार अरमानों से कोशिश सुनाती है आवाजों को लम्हों की समझ देकर जाती है।

इशारों को तरानों संग जुड़ने की सोच अफसाना दिलाती है लम्हों की आवाज जज्बातों से सुबह सुनाती है अंदाजों को किनारों की समझ देकर जाती है।

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