Tuesday 21 November 2023

कविता. ४९९७. अरमान को सपनों की।

                              अरमान को सपनों की।

अरमान को सपनों की उम्मीद अल्फाज दिलाती है जज्बातों को कदमों की राह सहारा सुनाती है किनारों को अंदाजों की सौगात तलाश दिलाती है।

अरमान को सपनों की समझ आस दिलाती है लहरों को इशारों की सोच अफसाना सुनाती है दिशाओं को बदलावों की मुस्कान तलाश दिलाती है।

अरमान को सपनों की उमंग इरादा दिलाती है अल्फाजों को लम्हों की कोशिश खयाल सुनाती है दास्तानों को एहसासों की तलाश दिलाती है।

अरमान को सपनों की रोशनी कोशिश दिलाती है आशाओं को बदलावों की सुबह सरगम सुनाती है नजारों को राहों की तलाश दिलाती है।

अरमान को सपनों की सुबह नजारा दिलाती है कदमों को खयालों की समझ तराना सुनाती है लहरों को अदाओं की तलाश दिलाती है।

अरमान को सपनों की परख आवाज दिलाती है तरानों को किनारों की पुकार आहट सुनाती है कदमों को उजालों की तलाश दिलाती है।

अरमान को सपनों की अदा रोशनी दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी खयाल सुनाती है इरादों को आशाओं की तलाश दिलाती है।

अरमान को सपनों की सरगम एहसास दिलाती है लम्हों को दास्तानों की परख पहचान सुनाती है खयालों को अल्फाजों की तलाश दिलाती है।

अरमान को सपनों की पुकार अंदाज दिलाती है एहसासों को राहों की आहट अहमियत सुनाती है तरानों को उम्मीदों की तलाश दिलाती है।

अरमान को सपनों की सौगात अफसाना दिलाती है किनारों को अंदाजों की लहर आस सुनाती है एहसासों को नजारों की तलाश दिलाती है।

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