Sunday 12 November 2023

कविता. ४९८८. उम्मीदों को कदमों की।

                                       उम्मीदों को कदमों की।

उम्मीदों को कदमों की समझ तलाश दिलाती है राहों को अंदाजों की कहानी से सोच सुनाकर जाती है जज्बातों से अदाओं की कोशिश सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की सौगात तराना दिलाती है लम्हों को सपनों की सुबह से परख सुनाकर जाती है किनारों से अल्फाजों की कोशिश सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की सोच सहारा दिलाती है नजारों को एहसासों की रोशनी से आवाज सुनाकर जाती है दिशाओं से कदमों की कोशिश सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की कहानी सुबह दिलाती है इशारों को आशाओं की मुस्कान से तराना सुनाकर जाती है अरमानों से दिशाओं की कोशिश सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की आस लहर दिलाती है सपनों को इरादों की सौगात से सरगम सुनाकर जाती है बदलावों से आशाओं की कोशिश सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की राह अरमान दिलाती है लहरों को एहसासों की कहानी से उमंग सुनाकर जाती है राहों से धाराओं की कोशिश सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की पुकार इरादा दिलाती है दिशाओं को बदलावों की सौगात से आस सुनाकर जाती है खयालों से आवाजों की कोशिश सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की परख एहसास दिलाती है अदाओं को तरानों की पुकार से सरगम सुनाकर जाती है लहरों से नजारों की कोशिश सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की आहट उमंग दिलाती है एहसासों को अंदाजों की आस से सोच सुनाकर जाती है दिशाओं से इरादों की कोशिश सुनाती है।

उम्मीदों को कदमों की समझ तलाश दिलाती है दास्तानों को एहसासों की आहट से पहचान सुनाकर जाती है आशाओं से लम्हों की कोशिश सुनाती है।

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