Tuesday 14 November 2023

कविता. ४९९०. दिशाओं को कदमों की।

                             दिशाओं को कदमों की।

दिशाओं को कदमों की आस अक्सर एहसास दिलाती है अंदाजों से खयालों की परख आहट सुनाती है लम्हों को अफसानों की सौगात दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की सुबह अक्सर अदा दिलाती है किनारों से आशाओं की मुस्कान पहचान सुनाती है लहरों को इशारों की सौगात दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की उमंग अक्सर राह दिलाती है नजारों से आवाजों की धून अहमियत सुनाती है जज्बातों को राहों की सौगात दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की रोशनी अक्सर कोशिश दिलाती है दास्तानों को धाराओं की कहानी सोच सुनाती है इशारों को आशाओं की सौगात दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की परख अक्सर सुबह दिलाती है तरानों से अरमानों की पुकार उम्मीद सुनाती है कदमों को इशारों की सौगात दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की सरगम अक्सर रोशनी दिलाती है उम्मीदों से लहरों की सुबह तलाश सुनाती है खयालों को सपनों की सौगात दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की सोच अक्सर सहारा दिलाती है इशारों से अरमानों की पुकार पहचान सुनाती है नजारों को अंदाजों की सौगात दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की लहर अक्सर तलाश दिलाती है उजालों से आवाजों की धून उमंग सुनाती है एहसासों को उम्मीदों की सौगात दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की समझ अक्सर आवाज दिलाती है जज्बातों से बदलावों की मुस्कान कोशिश सुनाती है अल्फाजों को अदाओं की सौगात दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की सुबह अक्सर किनारा दिलाती है आशाओं से खयालों की समझ सरगम सुनाती है दिशाओं को बदलावों की सौगात दिलाती है।


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