Wednesday 1 November 2023

कविता. ४९७७. उजालों की उमंग एहसासों संग।

                               उजालों की उमंग एहसासों संग।

उजालों की उमंग एहसासों संग आस दिलाती है रोशनी ख्वाबों की हकीकत को मुस्कान दिलाती है कदमों को अदाओं की पुकार सुनाती है।

उजालों की उमंग एहसासों संग कोशिश दिलाती है लहर ख्वाबों की सौगात को आस दिलाती है नजारों को दिशाओं की पुकार सुनाती है।

उजालों की उमंग एहसासों संग तलाश दिलाती है राह ख्वाबों की सुबह को आवाज दिलाती है तरानों को अरमानों की पुकार सुनाती है।

उजालों की उमंग एहसासों संग समझ दिलाती है सरगम ख्वाबों की उम्मीद को अल्फाज दिलाती है अंदाज को सपनों की पुकार सुनाती है।

उजालों की उमंग एहसासों संग खयाल दिलाती है जज्बात ख्वाबों की सोच को अफसाना दिलाती है बदलावों को कदमों की पुकार सुनाती है।

उजालों की उमंग एहसासों संग किनारा दिलाती है आस ख्वाबों की सरगम को पहचान दिलाती है इशारों को आशाओं की पुकार सुनाती है।

उजालों की उमंग एहसासों संग सोच दिलाती है अंदाज ख्वाबों की परख को अहमियत दिलाती है इरादों को उम्मीदों की पुकार सुनाती है।

उजालों की उमंग एहसासों संग अदा दिलाती है कोशिश ख्वाबों की पहचान को अदा दिलाती है दास्तानों को किनारों की पुकार सुनाती है।

उजालों की उमंग एहसासों संग सरगम दिलाती है आस ख्वाबों की सुबह को रोशनी दिलाती है बदलावों को दिशाओं की पुकार सुनाती है।

उजालों की उमंग एहसासों संग सहारा दिलाती है सौगात ख्वाबों की आस को पहचान दिलाती है लम्हों को दास्तानों की पुकार सुनाती है।

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