Thursday 30 November 2023

कविता. ५००६. खयालों को अंदाजों की।

                              खयालों को अंदाजों की।

खयालों को अंदाजों की परख आस दिलाती है लहरों से आशाओं की पहचान तलाश देकर जाती है जज्बातों को कदमों की आहट सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की सोच इशारा दिलाती है सपनों से किनारों की पुकार अरमान देकर जाती है दास्तानों को एहसासों की कहानी सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की समझ इरादा दिलाती है उम्मीदों से धाराओं की राह नजारा देकर जाती है अल्फाजों को इशारों की उमंग सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की राह आवाज दिलाती है कदमों से नजारों की सोच आस देकर जाती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की कोशिश उमंग दिलाती है राहों से धाराओं की अदा अल्फाज देकर जाती है किनारों को सपनों की सुबह सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की सौगात तलाश दिलाती है इशारों से अरमानों की लहर दास्तान देकर जाती है नजारों को दिशाओं की समझ सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की मुस्कान सुबह दिलाती है जज्बातों से बदलावों की परख आवाज देकर जाती है उजालों को एहसासों की कहानी सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की सरगम रोशनी दिलाती है लम्हों से नजारों की सोच किनारा देकर जाती है दिशाओं को इरादों की सौगात सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की पुकार आस दिलाती है अरमानों से जज्बातों की अदा सरगम देकर जाती है आवाजों को तरानों की कोशिश सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की सोच उम्मीद दिलाती है लहरों से आवाजों की धून अफसाना देकर जाती है अदाओं को अल्फाजों की मुस्कान सहारा देती है।

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