Wednesday 8 November 2023

कविता. ४९८४. एहसास की एक पुकार।

                               एहसास की एक पुकार।

एहसास की एक पुकार दिशाओं में बदलाव दिलाती है तरानों को अरमानों की आहट कहानी देकर जाती है जज्बातों को अंदाजों की परख सुनाती है।

एहसास की एक पुकार आशाओं में पहचान दिलाती है नजारों को खयालों की समझ आहट देकर जाती है किनारों को सपनों की परख सुनाती है।

एहसास की एक पुकार अंदाजों में सरगम दिलाती है आशाओं को अदाओं की कोशिश सोच देकर जाती है उजालों को दास्तानों की परख सुनाती है।

एहसास की एक पुकार तरानों में अफसाना दिलाती है लम्हों को सपनों की आस इशारा देकर जाती है खयालों को इरादों की परख सुनाती है।

एहसास की एक पुकार आवाजों में मुस्कान दिलाती है राहों को अफसानों की सौगात तलाश देकर जाती है कदमों को अदाओं की परख सुनाती है।

एहसास की एक पुकार दास्तानों में उमंग दिलाती है किनारों को सपनों की सुबह पहचान देकर जाती है इशारों को अल्फाजों की परख सुनाती है।

एहसास की एक पुकार नजारों में कोशिश दिलाती है उम्मीदों को अदाओं की कहानी सरगम देकर जाती है बदलावों को लम्हों की परख सुनाती है।

एहसास की एक पुकार खयालों में आहट दिलाती है नजारों को दिशाओं की समझ अफसाना देकर जाती है जज्बातों को सपनों की परख सुनाती है।

एहसास की एक पुकार अरमानों में सुबह दिलाती है इशारों को अंदाजों की कहानी अहमियत देकर जाती है अफसानों को राहों की परख सुनाती है।

एहसास की एक पुकार लहरों में मुस्कान दिलाती है आशाओं को अदाओं की कहानी समझ देकर जाती है आवाजों को लहरों की परख सुनाती है।

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