Saturday 4 November 2023

कविता. ४९८०. राहों संग अरमानों की।

                                राहों संग अरमानों की।    

राहों संग अरमानों की पुकार पहचान दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान सरगम सुनाती है सपनों को एहसासों की कहानी कोशिश दिलाती है।

राहों संग अरमानों की आहट खयाल दिलाती है लहरों को इशारों की समझ आवाज सुनाती है अल्फाजों को उजालों की उमंग कोशिश दिलाती है।

राहों संग अरमानों की उमंग अल्फाज दिलाती है किनारों को सपनों की आस किनारा सुनाती है दास्तानों को अफसानों की सौगात कोशिश दिलाती है।

राहों संग अरमानों की सरगम तलाश दिलाती है कदमों को अदाओं की परख अल्फाज सुनाती है दिशाओं को नजारों की पुकार कोशिश दिलाती है।

राहों संग अरमानों की उम्मीद मुस्कान दिलाती है नजारों को इशारों की पुकार बदलाव सुनाती है तरानों को उम्मीदों की सोच कोशिश दिलाती है।

राहों संग अरमानों की आस आवाज दिलाती है दिशाओं को कदमों की कहानी अहमियत सुनाती है लम्हों को तरानों की समझ कोशिश दिलाती है।

राहों संग अरमानों की परख अफसाना दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की उमंग पहचान सुनाती है इशारों को आशाओं की तलाश कोशिश दिलाती है।

राहों संग अरमानों की सौगात तराना दिलाती है अल्फाजों को उजालों की सुबह परख सुनाती है खयालों को अदाओं की उमंग कोशिश दिलाती है।

राहों संग अरमानों की रोशनी आस दिलाती है इशारों को लम्हों की कहानी बदलाव सुनाती है किनारों को अल्फाजों की मुस्कान कोशिश दिलाती है।

राहों संग अरमानों की समझ रोशनी दिलाती है अदाओं को तरानों की सौगात इशारा सुनाती है जज्बातों को कदमों की आहट कोशिश दिलाती है।

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