Monday, 13 November 2023

कविता. ४९८९. जज्बात को मुस्कान अक्सर।

                          जज्बात को मुस्कान अक्सर।                   

जज्बात को मुस्कान अक्सर अरमानों की पुकार संग आहट जगाती है दास्तानों को एहसासों की कहानी कोशिश की अहमियत दिलाती है।

जज्बात को मुस्कान अक्सर अंदाजों की परख संग खयाल जगाती है दिशाओं को कदमों की पहचान बदलाव की अहमियत दिलाती है।

जज्बात को मुस्कान अक्सर आशाओं की सोच संग अल्फाज जगाती है सपनों को राहों की सौगात आवाज की अहमियत दिलाती है।

जज्बात को मुस्कान अक्सर दास्तानों की रोशनी संग सरगम जगाती है किनारों को अल्फाजों की सुबह उम्मीद की अहमियत दिलाती है।

जज्बात को मुस्कान अक्सर अदाओं की आस संग सौगात जगाती है नजारों को अफसानों की पुकार खयाल की अहमियत दिलाती है।

जज्बात को मुस्कान अक्सर तरानों की उमंग संग दास्तान जगाती है इरादों को अंदाजों की सरगम पहचान की अहमियत दिलाती है।

जज्बात को मुस्कान अक्सर इशारों की कहानी संग बदलाव जगाती है उजालों को दिशाओं की सौगात एहसास की अहमियत दिलाती है।

जज्बात को मुस्कान अक्सर लहरों की तलाश संग पहचान जगाती है इशारों को लम्हों की बदलाव उम्मीद की अहमियत दिलाती है।

जज्बात को मुस्कान अक्सर नजारों की कोशिश संग अरमान जगाती है किनारों को सपनों की आहट लहर की अहमियत दिलाती है।

जज्बात को मुस्कान अक्सर लम्हों की पुकार संग खयाल जगाती है एहसासों को उम्मीदों की अरमान अल्फाजों की अहमियत दिलाती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...