Wednesday, 22 November 2023

कविता. ४९९८. किनारों को सपनों संग।

                              किनारों को सपनों संग।

किनारों को सपनों संग अदाएं तलाश दिलाती है लहरों को इशारों की समझ सरगम सुनाती है नजारों से अल्फाजों की कहानी तराना दिलाती है।

किनारों को सपनों संग लहर तराना दिलाती है कदमों को उजालों की सुबह पहचान सुनाती है बदलावों से धाराओं की कहानी सहारा दिलाती है।

किनारों को सपनों संग आस कोशिश दिलाती है नजारों को राहों की सौगात आवाज सुनाती है दास्तानों से आशाओं की कहानी सरगम दिलाती है।

किनारों को सपनों संग उमंग समझ दिलाती है लम्हों को अरमानों की पुकार कोशिश सुनाती है लहरों से अंदाजों की कहानी आस दिलाती है।

किनारों को सपनों संग उम्मीद सौगात दिलाती है तरानों को जज्बातों की मुस्कान रोशनी सुनाती है अफसानों से अरमानों की कहानी उमंग दिलाती है।

किनारों को सपनों संग राह अल्फाज दिलाती है राहों को अल्फाजों की लहर अहमियत सुनाती है नजारों से जज्बातों की कहानी अफसाना दिलाती है।

किनारों को सपनों संग बदलाव सोच दिलाती है आवाजों को कदमों की आहट कोशिश सुनाती है बदलावों से उजालों की कहानी उम्मीद दिलाती है।

किनारों को सपनों संग सरगम दास्तान दिलाती है आशाओं को अफसानों की समझ सोच सुनाती है तरानों से इशारों की कहानी इरादा दिलाती है।

किनारों को सपनों संग सुबह खयाल दिलाती है कदमों को उजालों की पहचान परख सुनाती है उम्मीदों से धाराओं की कहानी लहर दिलाती है।

किनारों को सपनों संग रोशनी आस दिलाती है नजारों को दिशाओं की अहमियत पुकार सुनाती है आशाओं से लम्हों की कहानी आवाज दिलाती है।


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