Thursday 16 November 2023

कविता. ४९९२. इशारों संग कदमों की।

                               इशारों संग कदमों की।

इशारों संग कदमों की आवाज एहसास दिलाती है खयालों को अंदाजों की परख सरगम सुनाती है नजारों संग तरानों की पहचान आस देकर जाती है।

इशारों संग कदमों की तलाश कोशिश दिलाती है लहरों को एहसासों की कहानी पुकार सुनाती है उजालों संग बदलावों की उमंग आस देकर जाती है।

इशारों संग कदमों की रोशनी किनारा दिलाती है लम्हों को खयालों की समझ सौगात सुनाती है सपनों संग जज्बातों की परख आस देकर जाती है।

इशारों संग कदमों की कोशिश सुबह दिलाती है किनारों को दिशाओं की सोच अफसाना सुनाती है उम्मीदों संग खयालों की समझ आस देकर जाती है।

इशारों संग कदमों की उमंग परख दिलाती है एहसासों को आशाओं की आहट सोच सुनाती है अरमानों संग दास्तानों की राह आस देकर जाती है।

इशारों संग कदमों की आस रोशनी दिलाती है अंदाजों को बदलावों की राह अहमियत सुनाती है लहरों संग इरादों की सौगात आस देकर जाती है।

इशारों संग कदमों की समझ सहारा दिलाती है आशाओं को नजारों की कहानी पहचान सुनाती है अफसानों संग लम्हों की कोशिश आस देकर जाती है।

इशारों संग कदमों की उम्मीद तराना दिलाती है अरमानों को दिशाओं की समझ सौगात सुनाती है खयालों संग कदमों की सोच आस देकर जाती है।

इशारों संग कदमों की राह जज्बात दिलाती है नजारों को किनारों की पुकार सरगम सुनाती है जज्बातों संग आशाओं की मुस्कान आस देकर जाती है।

इशारों संग कदमों की उमंग खयाल दिलाती है अदाओं को एहसासों की आहट सौगात सुनाती है राहों संग लहरों की सुबह आस देकर जाती है।

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