Saturday, 25 November 2023

कविता. ५००१. आशाओं को अदाओं की।

                             आशाओं को अदाओं की।

आशाओं को अदाओं की पुकार सरगम सुनाती है नजारों से जज्बातों संग बदलाव देकर जाती है तरानों को अरमानों की सौगात दिलाती है।

आशाओं को अदाओं की सोच अफसाना सुनाती है लम्हों से किनारों संग आस देकर जाती है उजालों को सपनों की सौगात दिलाती है।

आशाओं को अदाओं की आहट लहर सुनाती है आवाजों से कदमों संग रोशनी देकर जाती है दिशाओं को बदलावों की सौगात दिलाती है।

आशाओं को अदाओं की रोशनी कोशिश सुनाती है दिशाओं से खयालों संग कोशिश देकर जाती है किनारों को अंदाजों की सौगात दिलाती है।

आशाओं को अदाओं की परख अल्फाज सुनाती है दास्तानों से इशारों संग आहट देकर जाती है अरमानों को इरादों की सौगात दिलाती है।

आशाओं को अदाओं की सुबह बदलाव सुनाती है लहरों से खयालों संग अफसाना देकर जाती है नजारों को उम्मीदों की सौगात दिलाती है।

आशाओं को अदाओं की उमंग तराना सुनाती है कदमों से धाराओं संग दास्तान देकर जाती है खयालों को अदाओं की सौगात दिलाती है।

आशाओं को अदाओं की राह अहमियत सुनाती है उम्मीदों से जज्बातों संग सोच देकर जाती है एहसासों को नजारों की सौगात दिलाती है।

आशाओं को अदाओं की उम्मीद दास्तान सुनाती है तरानों से अल्फाजों संग पहचान देकर जाती है लम्हों को एहसासों की सौगात दिलाती है।

आशाओं को अदाओं की कहानी पहचान सुनाती है लम्हों से आवाजों संग धून देकर जाती है किनारों को अंदाजों की सौगात दिलाती है।

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